विश्व मंच पर अकेले पड़ गए जस्टिन ट्रूडो: पश्चिमी मीडिया

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 25-09-2023
Justin Trudeau left alone on world stage: Western media
Justin Trudeau left alone on world stage: Western media

 

लंदन. लोगों की नजरों में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, अपनी आबादी से 35 गुना आबादी वाले देश से पंगा लेने के बाद,  काफी हद तक अकेले पड़ गए हैं. वहां की मीडिया में ये बात कही गई है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रूडो की विस्फोटक घोषणा के कुछ दिनों बाद, फ़ाइव आइज़ ख़ुफ़िया गठबंधन में उनके सहयोगियों ने स्पष्ट रूप से सार्वजनिक बयान दिए, जो पूर्ण समर्थन से काफी कम थे.

ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने कहा था कि उनका देश "कनाडा जो कह रहा है उसे बहुत गंभीरता से लेता है". लगभग समान भाषा का प्रयोग करते हुए, ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि वह आरोपों से "काफी चिंतित" है. लेकिन शायद सबसे अधिक चौंकाने वाली चुप्पी कनाडा के दक्षिणी पड़ोसी, अमेरिका से आई. दोनों देश घनिष्ठ सहयोगी हैं, लेकिन अमेरिका ने कनाडा की ओर से नाराजगी व्यक्त नहीं की.

जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस सप्ताह संयुक्त राष्ट्र में सार्वजनिक रूप से भारत का मुद्दा उठाया, तो यह निंदा करने के लिए नहीं, बल्कि एक नया आर्थिक मार्ग स्थापित करने में मदद करने के लिए भारत की प्रशंसा के लिए था. बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने बाद में इस बात से इनकार किया कि अमेरिका और उसके पड़ोसी के बीच कोई 'दरार' है. उन्होंने कहा कि कनाडा से परामर्श किया जा रहा है.

लेकिन बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अन्य सार्वजनिक बयान कुछ ऐसे ही थे, जैसे "गहरी चिंता". ये इस बात की ओर इशारा करते हैं कि पश्चिमी दुनिया के लिए भारत का कितना महत्व है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञों का कहना है कि कनाडा के लिए समस्या यह है कि उसके हित वर्तमान में भारत के व्यापक रणनीतिक महत्व की तुलना में बहुत कम हैं.

विल्सन सेंटर के कनाडा इंस्टीट्यूट के एक शोधकर्ता जेवियर डेलगाडो ने बीबीसी को बताया, "अमेरिका, ब्रिटेन और इन सभी पश्चिमी और इंडो-पैसिफिक सहयोगियों ने एक ऐसी रणनीति बनाई है जो मुख्य रूप से भारत पर केंद्रित है, ताकि चीन के खिलाफ एक सुरक्षा कवच और जवाबी कार्रवाई की जा सके. यह कुछ ऐसा है जिसे वे हटाने का जोखिम नहीं उठा सकते."

 

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