आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
इजराइली नौसेना ने मंगलवार को यमन के विद्रोहियों के कब्जे वाले बंदरगाह शहर होदेदा में गोदियों पर हमला किया, जिससे संभवतः उन सुविधाओं को नुकसान पहुंचा, जो युद्धग्रस्त देश में सहायता सामग्री पहुंचाने के लिए अहम हैं.
इज़राइली सेना ने कहा कि नौसेना के मिसाइल पोतों ने ये हमले किए। यह पहली बार है जब उनकी सेना हूती विद्रोहियों के खिलाफ हमलों में शामिल हुई है. ये हमले मंगलवार को किए गए. गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ युद्ध को लेकर हूतियों ने इजराइल को निशाना बनाकर बार-बार मिसाइलें और ड्रोन दागे हैं. हूती बागियों ने अपने अल-मसीरा सैटेलाइट समाचार चैनल के माध्यम से हमले के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हमला गोदियों को निशाना बनाकर किया गया. हालांकि उन्होंने इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी. इजराइल की ओर से हमले की तत्काल पुष्टि नहीं की गई. सोमवार देर रात इजराइल ने यमन के लोगों को ऑनलाइन चेतावनी जारी कर कहा था कि वे रास ईसा, होदेदा और अल-सलिफ बंदरगाहों को खाली कर दें, क्योंकि हूतियों ने कथित तौर पर हमलों के लिए बंदरगाहों का इस्तेमाल किया है.
इज़राइली सेना ने मंगलवार को एक बयान में कहा, "बंदरगाह का उपयोग हथियारों को स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है और यह आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए असैन्य बुनियादी ढांचे का हूती आतंकवादी शासन द्वारा कुटिल उपयोग का एक और उदाहरण है.
हूतियों के 2014 में यमन की राजधानी सना पर कब्जा करने के बाद होदेदा, लाखों यमनियों के लिए खाद्य सामग्री और अन्य मानवीय सहायता पहुंचाने का मुख्य प्रवेश बिंदु है. हूती इस क्षेत्र में वाणिज्यिक और सैन्य जहाजों पर लगातार मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहे हैं, जिसे समूह के नेतृत्व ने गाजा में इजराइल के आक्रमण को रोकने की कोशिश बताया है. प्रशंसा मिली है.