दीर अल बलाह
इज़राइली सेना ने शनिवार को ग़ाज़ा शहर के निवासियों को आदेश दिया कि वे शहर छोड़कर दक्षिण में स्थित मानवीय क्षेत्रों में चले जाएं। यह आदेश ऐसे समय दिया गया है जब ग़ाज़ा पहले से ही भुखमरी और खाद्य संकट की भयावह स्थिति झेल रहा है।
शनिवार को इज़राइल ने ग़ाज़ा की बहुमंज़िला इमारतों पर हमले भी तेज कर दिए। सहायता एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि शहर से बड़े पैमाने पर पलायन कराने की कोशिश मानवीय संकट को और विकराल बना सकती है। अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने ग़ाज़ा को अकालग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया है।
करीब दो साल से जारी इज़राइल-हमास युद्ध में अधिकांश परिवार कई बार बेघर हो चुके हैं। उनका कहना है कि अब उनके पास कहीं और जाने की जगह नहीं बची है, क्योंकि इज़राइल पहले से घोषित “मानवीय क्षेत्रों” पर भी बमबारी कर चुका है।
इज़राइली सेना के प्रवक्ता अविचेय अद्रई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि फलस्तीनियों को ग़ाज़ा शहर छोड़कर दक्षिण की ओर जाना चाहिए। सेना ने मुवासी के अस्थायी शिविर और खान यूनिस के कुछ हिस्सों को नया मानवीय क्षेत्र घोषित किया है।
इसके साथ ही इज़राइल ने खान यूनिस के जिन मोहल्लों को मानवीय क्षेत्र में शामिल किया है, उनमें नासिर अस्पताल भी है। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते इस अस्पताल पर इज़राइली हमले में 22 लोगों की मौत हो गई थी।
अद्रई ने दावा किया कि ग़ाज़ा शहर से खान यूनिस और मुवासी तक फलस्तीनी एक निर्धारित सड़क के जरिये बिना तलाशी के जा सकेंगे।
हालांकि राहत एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि मुवासी और खान यूनिस दोनों ही जगहों पर पानी, भोजन, आश्रय और स्वच्छता सुविधाओं की भारी कमी है। लगातार बमबारी ने खान यूनिस के नागरिक ढांचे को पहले ही बुरी तरह तबाह कर दिया है।
इज़राइली सेना का कहना है कि वह नए घोषित मानवीय क्षेत्र में अस्पताल, पानी की पाइपलाइन और खाद्य आपूर्ति जैसी सुविधाएँ बहाल करने का प्रयास करेगी। वहीं संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि उसके कर्मचारी ग़ाज़ा शहर में मौजूद रहेंगे ताकि नए हमलों के बीच फंसे लोगों को तत्काल मदद पहुंचाई जा सके।