आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के पहले दिन गाजा-इज़राइल युद्ध मुख्य विषय बना रहा। इस मौके पर दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबो सुबियांतो ने इस विवाद पर महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि फ़िलिस्तीन के साथ-साथ इज़राइल की सुरक्षा का भी ध्यान रखना ज़रूरी है। अपने भाषण का अंत उन्होंने हिब्रू शब्द 'शालोम' से किया, जिसका मतलब शांति होता है, जो इज़राइल के अधिकारियों के लिए एक अप्रत्याशित बात थी।
राष्ट्रपति सुबियांतो ने कहा, "हमें एक स्वतंत्र फ़िलिस्तीनी राज्य चाहिए, लेकिन इज़राइल की सुरक्षा का भी सम्मान करना होगा। तभी सच्ची शांति संभव होगी।" उन्होंने आगे कहा कि अब्राहम की संतान, यानी अरब और यहूदी समुदाय के बीच मेल-मिलाप ही एकमात्र समाधान है। इसके साथ ही उन्होंने सभी धर्मों—मुस्लिम, ईसाई, हिंदू, बौद्ध—को एक मानव परिवार के रूप में एक साथ रहने की आवश्यकता बताई।
इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उनका देश इस शांति के सपने को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने स्वीकार किया कि यह सपना अभी दूर हो सकता है, लेकिन यह एक सुंदर सपना है जिसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।
हालांकि, इंडोनेशिया का इज़राइल के साथ कोई राजनयिक संबंध नहीं है, लेकिन सुबियांतो ने कहा कि यदि इज़राइल फ़िलिस्तीन को मान्यता देता है, तो इंडोनेशिया तुरंत इज़राइल को मान्यता दे देगा।
इज़राइल के एक अधिकारी ने इस बयान पर हैरानी जताई है।
(स्रोत: टाइम्स ऑफ़ इज़राइल)