तेल अवीव
इज़राइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने गुरुवार को पुष्टि की कि इज़राइली वायु सेना ने यमन की राजधानी सना के क्षेत्र में हौथी विद्रोहियों के सैन्य और खुफिया ठिकानों पर एक बड़ा हवाई हमला किया है।
IDF ने बताया कि इस अभियान में हौथी आतंकी शासन की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के ठिकानों के साथ-साथ सेना के मुख्यालय, सैन्य सूचना विभाग और हथियारों से भरे प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाया गया।
IDF के बयान में कहा गया,“हौथी आतंकी शासन की सुरक्षा और खुफिया प्रणाली मध्य पूर्व की स्थिरता को अस्थिर करने वाले सैन्य अभियानों में सीधे तौर पर शामिल है। यह राजनीतिक विरोधियों को दबाने के लिए कुख्यात जेलों और यातना का भी इस्तेमाल करती है।”
इससे पहले शनिवार को, हौथी ड्रोन हमले में इज़राइल के ईलात शहर में 20 से अधिक लोग घायल हुए थे, जिनमें दो की हालत गंभीर है।
IDF के अनुसार, मार्च 18 से, जब इज़राइल ने गाज़ा में हमास के खिलाफ सैन्य अभियान को फिर से शुरू किया, हौथी विद्रोहियों ने इज़राइल पर 70 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और 25 ड्रोन दागे हैं। हालांकि इनमें से अधिकतर या तो रक्षा प्रणाली द्वारा नष्ट कर दिए गए या इज़राइल की सीमा तक पहुंच ही नहीं पाए।
इसके अलावा, ईरान समर्थित हौथी गुट ने यमन के तटीय इलाकों से रेड सी (लाल सागर) में 100 से अधिक जहाज़ों पर हमला या उन्हें परेशान किया है, जो बाब-अल-मंडब जलडमरूमध्य से होकर गुजरते हैं — यह जलमार्ग अरब प्रायद्वीप और अफ्रीका के बीच स्थित है और दुनिया के कच्चे तेल का एक बड़ा हिस्सा इसी रास्ते से होकर गुजरता है।
इन हमलों के कारण इज़राइली बंदरगाह ईलात की गतिविधियां लगभग ठप हो गई हैं।
IDF के अनुसार, 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए हमले में करीब 1,200 लोग मारे गए थे और 252 इज़राइली व विदेशी नागरिकों को बंधक बना लिया गया था। वर्तमान में 48 बंधकों में से केवल 20 के जीवित होने की संभावना है।
इज़राइल ने यह स्पष्ट किया है कि वह मध्य पूर्व की स्थिरता के लिए खतरा बनने वाली किसी भी आतंकी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा, चाहे वह गाज़ा से हो, यमन से या अन्यत्र।