तेहरान. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने कहा कि देश परमाणु ऊर्जा के 'शांतिपूर्ण' उपयोग की तलाश कर रहा है. देश परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल 'परमाणु हथियारों के लिए' नहीं करना चाहता है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, खामनेई ने यह भी कहा कि दुश्मन ने अरबों डॉलर खर्च करके और इस्लामी क्रांति के आदर्शों से उन्हें हतोत्साहित करने के लिए अपने थिंक टैंक में विभिन्न योजनाओं के साथ जनता की राय, विशेष रूप से ईरानी युवाओं के दिमाग को निशाना बनाया है.
इस बीच, खामेनेई ने देश में आंतरिक क्षमताओं पर भरोसा करके आर्थिक और प्रतिबंधों के दबावों से निपटने की आवश्यकता पर बल दिया.
ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में चल रही परमाणु वार्ता के बारे में उन्होंने कहा कि "कूटनीति भी अच्छी है, जैसे हमारे अच्छे, क्रांतिकारी भाई दूसरे पक्ष को प्रतिबंध हटाने के लिए मनाने के लिए काम कर रहे हैं."
ईरान ने जुलाई 2015में विश्व शक्तियों के साथ जेसीपीओए पर हस्ताक्षर किए.
हालांकि, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मई 2018में समझौते से हाथ खींच लिया और ईरान पर एकतरफा प्रतिबंध लगा दिए, जिसने ईरान को एक साल बाद अपनी कुछ परमाणु प्रतिबद्धताओं को छोड़ने और अपने रुके हुए परमाणु कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया.
अप्रैल 2021के बाद से, ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में ईरान और शेष जेसीपीओए पार्टियों, अर्थात यूके, चीन, फ्रांस, रूस और जर्मनी के बीच आठ दौर की बातचीत हुई है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका अप्रत्यक्ष रूप से इस ऐतिहासिक सौदे को पुनर्जीवित करने के लिए वार्ता में शामिल है.
ईरान के मुख्य परमाणु वार्ताकार अली बघेरी कानी ने बुधवार को कहा कि जेसीपीओए देश अब पहले की तुलना में एक समझौते के करीब हैं.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "हफ्तों की गहन बातचीत के बाद, हम पहले से कहीं ज्यादा एक समझौते के करीब हैं, जब तक सब कुछ सहमत नहीं हो जाता, तब तक कुछ भी सहमत नहीं होता है."