बीजिंग. रेडियो फ्री एशिया (आरएफए) के अनुसार, पिछले साल चीन में करीब 3 मिलियन रेस्तरां, कैफे और अन्य खाद्य सेवा प्रतिष्ठान बंद हुए हैं. इनमें से काफी संख्या में बंदियां दिवालियापन के कारण हुई हैं., यहां तक कि कुछ सबसे लोकप्रिय रेस्तरां चेन ने लागत कम करने के लिए अपने सैकड़ों स्थानों को बंद कर दिया है.
दिसंबर की शुरुआत में, ताइवान की एक प्रमुख चिकन चेन, झेंगहाओ दा दा, वीबो पर वायरल हो गई, जब उसने घोषणा की कि वह चीन में अपने सभी स्टोर बंद कर देगी, जिसकी शुरुआत शंघाई के न्यू वर्ल्ड सिटी प्लाजा मॉल में अपने प्रमुख स्थान से होगी.
आरएफए ने उद्योग की वेबसाइट हांगकैन के एक लेख पर प्रकाश डाला, जिसमें कहा गया कि ‘श्संकुचन’ और ‘स्टोर बंद होना’ 2024 में खानपान उद्योग के लिए नए चर्चा के शब्द थे. नकारात्मक खबरें आती रहीं, और ठंड का अहसास भारी हो गया. उसने बताया कि बंद होने से उद्योग के हर क्षेत्र पर असर पड़ा है, जिसमें बढ़िया भोजन से लेकर कैफे, बेकरी, हॉट पॉट चेन, स्नैक्स और फास्ट फूड आउटलेट शामिल हैं.
यहां तक कि अपस्केल वेस्टर्न फाइन-डाइनिंग रेस्तरां भी दिवालियापन, भागते मालिकों और अवैतनिक वेतन का शिकार हो गए हैं, जिसे लेख में ‘बेहद शर्मनाक’ बताया गया है. इसका एक उल्लेखनीय उदाहरण बीजिंग स्थित मिशेलिन-तारांकित इतालवी रेस्तराँ ओपेरा बॉम्बाना है, जो अप्रैल 2024 में बंद हो गया, अभी भी अपने कर्मचारियों को वेतन और आपूर्तिकर्ताओं को पैसे देना बाकी है.
रेडकैन द्वारा संकलित हाई-प्रोफाइल बंद होने की सूची के अनुसार, शंघाई के बंड पर एक फ्रांसीसी रेस्तराँ स्श्.जमसपमत 18, जिसमें तीन-मिशेलिन-स्टार शेफ हैं, संचालन के सिर्फ छह महीने बाद बंद हो गया. इसी तरह, पॉल पैरेट का रूडूडू भी खुलने के एक साल से भी कम समय में बंद हो गया.
स्नैक, बेक्ड गुड्स और बेवरेज व्यवसायों पर भी इसका गंभीर असर पड़ा है. आरएफए ने बताया कि दूध चाय की चेन ताइगाई, जिक्सू फ्रेश फ्रूट कॉफी और थैंक यू टी ने पूरे साल कई स्थानों पर अपनी दुकानें बंद कर दीं. ऑनलाइन टिप्पणीकार लाओ झोउ ने बताया कि इस क्षेत्र पर बढ़ते किराए और कच्चे माल की बढ़ती लागत का असर पड़ा है. लाओ झोउ ने कहा, ‘‘रेस्तरां बंद होना इस वास्तविकता को दर्शाता है कि आम लोगों के पास खर्च करने के लिए बहुत कम पैसे हैं. अगर वे इसे वहन नहीं कर सकते तो कौन बाहर खाना खाने जाएगा?’’