एआई के दुरुपयोग पर वैश्विक समझौते की जरूरत: जी20 में PM मोदी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 23-11-2025
Global agreement needed on misuse of AI: PM Modi at G20
Global agreement needed on misuse of AI: PM Modi at G20

 

जोहानिसबर्ग

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को जी20 शिखर सम्मेलन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के दुरुपयोग को रोकने के लिए वैश्विक स्तर पर एक साझा समझौता बनाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को वित्त-प्रधान नहीं, बल्कि मानव-केंद्रित होना चाहिए।

जी20 के तीसरे सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग “राष्ट्रीय” नहीं, बल्कि “वैश्विक” होने चाहिए और इन्हें “विशिष्ट मॉडल” की जगह “ओपन सोर्स” पद्धति पर आधारित होना चाहिए, ताकि इसका लाभ सभी को मिल सके। उन्होंने बताया कि भारत ने अंतरिक्ष, एआई और डिजिटल भुगतान जैसी कई तकनीकों में इसी दृष्टिकोण से अग्रणी उपलब्धियां हासिल की हैं।

सत्र का विषय था—“सभी के लिए निष्पक्ष और न्यायपूर्ण भविष्य: महत्वपूर्ण खनिज, सभ्य कार्य और कृत्रिम बुद्धिमत्ता।”मोदी ने कहा कि एआई का उपयोग मानव हित में होना चाहिए और इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए प्रभावी मानवीय निगरानी, डिजाइन-आधारित सुरक्षा, पारदर्शिता और अपराध व आतंकवादी गतिविधियों में एआई पर सख्त रोक जरूरी है। उन्होंने कहा कि जीवन, सुरक्षा और सार्वजनिक विश्वास से जुड़ी एआई प्रणालियां जिम्मेदार और ऑडिट योग्य होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि एआई इंसानी क्षमताओं को बढ़ाने का माध्यम बने, लेकिन अंतिम निर्णय हमेशा इंसानों के हाथ में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बदलते दौर में “आज की नौकरियों” के बजाय “कल की क्षमताओं” पर ध्यान देने की जरूरत है।

मोदी ने प्रतिभा गतिशीलता को नवाचार की कुंजी बताते हुए कहा कि दिल्ली जी20 में इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है और आने वाले वर्षों में जी20 इसके लिए एक वैश्विक ढांचा तैयार कर सकता है।