यरूशलम
हमास ने मंगलवार को कहा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से प्रस्तुत गाजा शांति योजना पर विचार करने के बाद ही कोई प्रतिक्रिया देगा। यह बयान ऐसे समय आया है जब गाजा पट्टी में करीब दो वर्षों से युद्ध जारी है और मानवीय संकट गहराता जा रहा है।
ट्रंप की इस योजना को इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पहले ही अपना समर्थन दे चुके हैं। हालांकि, यह अब तक स्पष्ट नहीं है कि हमास इसे स्वीकार करेगा या अस्वीकार।
शांति प्रस्ताव के तहत हमास को युद्ध समाप्त करने की शर्त पर हथियार डालने और आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया है। इसके बदले फलस्तीनी नागरिकों को मानवीय सहायता, और गाजा के पुनर्निर्माण का वादा किया गया है।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक इजराइल-हमास संघर्ष में 66,000 से अधिक फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है, जिससे क्षेत्र की स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
ट्रंप और नेतन्याहू ने सोमवार को व्हाइट हाउस में मुलाकात कर इस योजना के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। इसके बाद इजराइल के विदेश मंत्री गिडियन सार ने कहा कि अब फैसला हमास को करना है। उन्होंने सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड में कहा, “हम देखना चाहते हैं कि क्या हमास राष्ट्रपति ट्रंप की योजना को स्वीकार करता है।”
सार ने यह भी कहा, “हम चाहते हैं कि दो वर्षों से बंधक बने लोगों की वापसी हो और गाजा ऐसा क्षेत्र बने जो हथियार मुक्त, कट्टरपंथ से मुक्त हो और इजराइल के लिए कोई खतरा न हो।”
रूस ने भी ट्रंप की योजना का समर्थन किया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि रूस इस पहल का स्वागत करता है और आशा करता है कि यह योजना लागू होकर पश्चिम एशिया में स्थायी शांति की ओर कदम बढ़ाएगी।