दुबई
ईरान के एक प्रमुख बंदरगाह पर हुए भीषण विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर 70 हो गई है, जबकि 1,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं. अधिकारियों ने सोमवार को इसकी पुष्टि की.
यह विस्फोट शाहिद राजई बंदरगाह के पास हुआ, जो बंदर अब्बास के नजदीक स्थित है. ईरानी सरकारी टेलीविजन ने स्थानीय अधिकारियों के हवाले से मृतकों की संख्या में वृद्धि की जानकारी दी.हालांकि, विस्फोट के कारणों पर अब भी सस्पेंस बना हुआ है और कई सवाल उठ रहे हैं.
निजी सुरक्षा कंपनी एम्ब्रे ने बताया कि मार्च में इस बंदरगाह पर मिसाइल ईंधन से संबंधित रसायनों की एक खेप आई थी. एम्ब्रे के अनुसार, यह खेप "सोडियम परक्लोरेट रॉकेट ईंधन" से संबंधित थी, जो चीन से भेजी गई थी.
इस खेप का उद्देश्य गाजा पट्टी में हमास के साथ युद्ध के दौरान इज़राइल पर सीधे हमलों में इस्तेमाल किए गए ईरानी मिसाइल भंडार को फिर से भरना था.एम्ब्रे का कहना है कि आग और विस्फोट संभवतः ईंधन के सुरक्षित भंडारण में लापरवाही के चलते हुए.
हालांकि, ईरानी सेना ने बंदरगाह पर किसी भी प्रकार के रासायनिक पदार्थ की मौजूदगी से इनकार किया है.सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में विस्फोट से पहले लाल रंग का धुआं उठता दिख रहा है, जो यह संकेत देता है कि विस्फोट में किसी रासायनिक यौगिक की भूमिका हो सकती है, जैसा कि 2020 में बेरूत बंदरगाह विस्फोट में देखा गया था.
ईरान की अर्ध-सरकारी समाचार एजेंसी 'इलना' ने बंदरगाह पर कार्यरत समुद्री सेवा कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सईद जाफरी के हवाले से बताया कि घटना खतरनाक सामान के गलत विवरण और बिना उचित दस्तावेजों तथा टैग के माल के पहुंचने के कारण हुई.
एक अन्य रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि जिस माल के कारण विस्फोट हुआ, उसकी जानकारी सीमा शुल्क अधिकारियों को नहीं दी गई थी.