नई दिल्ली
– जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए भीषण आतंकवादी हमले के बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी कूटनीतिक सक्रियता तेज कर दी है. विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सात अस्थायी सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों से बातचीत कर भारत की चिंता साझा की और वैश्विक एकजुटता की अपील की.
जयशंकर ने स्लोवेनिया, पनामा, अल्जीरिया और गुयाना के अपने समकक्षों से मंगलवार को अलग-अलग टेलीफोन वार्ताएं कीं. अन्य अस्थायी सदस्य देशों में डेनमार्क, पाकिस्तान और कोरिया गणराज्य भी शामिल हैं. इन चर्चाओं में आतंकवाद के खिलाफ भारत की 'शून्य सहनशीलता' की नीति को प्रमुखता से रखा गया.
विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस से भी फोन पर बातचीत की और पहलगाम हमले के “आतंकी साजिशकर्ताओं, अपराधियों और उनके समर्थकों” को न्याय के कटघरे में लाने की प्रतिबद्धता दोहराई.
बातचीत के बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “पहलगाम में हुए आतंकी हमले की स्पष्ट निंदा के लिए महासचिव गुतारेस की सराहना करता हूं। भारत इस हमले के गुनहगारों को सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है.”
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 25 अप्रैल को इस हमले की निंदा करते हुए एक औपचारिक बयान जारी किया था, लेकिन भारत सरकार का मानना है कि पाकिस्तान और चीन के हस्तक्षेप के कारण बयान को कमजोर किया गया, जिससे यह अपेक्षित गंभीरता नहीं दर्शाता.
सूत्रों के अनुसार, जयशंकर ने सभी विदेश मंत्रियों को यह स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेगा और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इसी रुख के साथ आगे आना चाहिए.
गुयाना के विदेश मंत्री ह्यूग हिल्टन टॉड से बातचीत में आतंकवाद के खिलाफ साझा दृष्टिकोण पर जोर दिया गया.
स्लोवेनिया की विदेश मंत्री तानजा फाजोन को भारत के प्रति समर्थन और हमले की निंदा के लिए धन्यवाद दिया गया.
पनामा के जेवियर मार्टिनेज के साथ वार्ता में भारत ने एकजुटता और सहयोग की सराहना की.
अल्जीरिया के विदेश मंत्री अहमद अत्ताफ से जयशंकर ने मजबूत द्विपक्षीय साझेदारी को दोहराते हुए भारत दौरे का आमंत्रण भी दिया.
सिएरा लियोन के विदेश मंत्री टिमकब्बा से भी फोन पर बातचीत हुई, जिसमें पहलगाम हमले की निंदा और द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की गई.
भारत सरकार ने हाल के दिनों में कई अन्य देशों से भी संपर्क साधा है और इस आतंकी हमले में ‘सीमापार तत्वों’ की संलिप्तता से अवगत कराया है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, मिस्र, जॉर्डन, इटली, जापान, ईरान, श्रीलंका, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, यूएई और नेपाल सहित कई वैश्विक नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बातचीत कर हमले की निंदा की और भारत के साथ एकजुटता जताई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में दो टूक कहा था कि पहलगाम हमले के दोषियों को “सबसे कड़ा जवाब” मिलेगा. इसके बाद उन्होंने मंगलवार को सेना, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और रक्षा मंत्री के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर सुरक्षा हालात की समीक्षा की और सेना को “पूर्ण परिचालनिक स्वतंत्रता” दे दी.
सरकारी सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक और कठोर कार्रवाई अब भारत का “राष्ट्रीय संकल्प” बन चुका है.