ताइपे
चीन के रक्षा मंत्री दोंग जुन ने बृहस्पतिवार को बीजिंग में आयोजित शिआंगशान सुरक्षा फोरम में एक बार फिर ताइवान पर चीन के दावे को दोहराया और बल प्रयोग की आशंका को नकारा नहीं। उन्होंने कहा कि ताइवान का चीन में पुनर्स्थापन "युद्धोपरांत अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था" का एक अनिवार्य हिस्सा है।
ताइवान, जिसकी आबादी लगभग 2.3 करोड़ है, 1949 से चीन से अलग एक स्वतंत्र लोकतंत्र के रूप में संचालित होता आ रहा है। बीजिंग हालांकि ताइवान को एक अलग प्रांत मानता है और उसे बलपूर्वक अपने नियंत्रण में लाने की बात करता रहा है।
दोंग ने कहा कि चीन ताइवान की स्वतंत्रता की किसी भी कोशिश को नाकाम करेगा और "बाहरी सैन्य हस्तक्षेप" को भी विफल करने के लिए पूरी तरह तैयार है।हाल के वर्षों में चीन लगातार ताइवान के आसपास सैन्य गतिविधियाँ बढ़ा रहा है, जिसमें युद्धपोतों और लड़ाकू विमानों की तैनाती शामिल है।
ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते और उनकी पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी बीजिंग के दावों को खारिज करते हैं और ताइवान को एक पूर्णतः संप्रभु देश मानते हैं।
बिना किसी देश का नाम लिए दोंग ने अमेरिका की ओर इशारा करते हुए "बाहरी हस्तक्षेप, प्रभुत्व की होड़ और देशों को पक्ष चुनने के लिए मजबूर करने" की आलोचना की और कहा कि ऐसे कदम दुनिया को संघर्ष और अराजकता की ओर ले जा सकते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि चीन मौजूदा अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को पलटना नहीं चाहता बल्कि उसकी नींव को और मजबूत करना चाहता है।