खास इंटरव्यू : बांग्लादेश के अंतरिम धार्मिक सलाहकार खालि‍द हुसैन ने भारत को बताया सबसे अच्छा पड़ोसी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 16-08-2024
Abul Faiz Muhammad Khalid Hussain, Advisor on Religious Affairs in the Interim Government of Bangladesh
Abul Faiz Muhammad Khalid Hussain, Advisor on Religious Affairs in the Interim Government of Bangladesh

 

आवाज द वाॅयस / ढाका

बांग्‍लादेश की अंतर‍िम सरकार में धार्मिक मामलों के सलाहकार अबुल फैज मुहम्मद खालिद हुसैन ने भारत को बांग्लादेश का 'सबसे अच्छा पड़ोसी' बताते हुए कहा क‍ि भारत ने बांग्‍लादेश की आजादी में अहम भूमि‍का न‍िभाई.

एक व‍िशेष साक्षात्‍कार में खालि‍द हुसैन ने कहा कि पांच अगस्त को शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से अल्पसंख्यक समुदायों, विशेष रूप से हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और बर्बरता की कई घटनाओं में शामिल अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है.

हुसैन ने कहा क‍ि हम भारत की  सद्भावना के साथ अपने देश में शांति और सौहार्द बनाए रखना चाहते हैं. उधर, मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार अल्पसंख्यकों, मुख्य रूप से हिंदुओं को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहने के लिए भारी आलोचना का सामना कर रही है.पेश है साक्षात्कार के प्रमुख अंश :

पांच अगस्त से बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ भयानक ह‍िंंसा हुई है. स्थिति को नियंत्रित करने और दोषियों को दंडित करने के लिए आपका मंत्रालय और अंतरिम सरकार क्या कर रही है?

एएफएम खालिद हुसैन : कुछ अपराधी अल्पसंख्यकों के घरों पर हमला करके भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं. धार्मिक मंत्रालय ने ऐसे हमलों के पीड़ितों के लिए पहले ही एक हॉटलाइन नंबर स्थापित कर दिया है.

पूजा स्थलों और घरों पर हमलों में शामिल लोग अपराधी हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.हम मंत्रालय की ओर से एक जांच समिति गठित करने की घोषणा करेंगे. हमने जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि वे हमें बर्बरता, हमलों और अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की घटनाओं पर जल्द से जल्द विस्तृत रिपोर्ट भेजें.

हमने बहुत प्रयासों के बाद अपना देश वापस पाया और बांग्लादेश की मुक्ति के दौरान सभी धर्मों के लोगों ने बलिदान दिया और अपना खून बहाया. हम इसे बर्बाद नहीं होने दे सकते। हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं और हमें इस भावना को पोषित करना है तथा बांग्लादेश में सांप्रदायिक सद्भाव सुनिश्चित करना है.

हम पूर्ण उपाय कर रहे हैं तथा अब कोई सांप्रदायिक हिंसा नहीं है, यद्यपि कुछ छिटपुट घटनाएं हो सकती हैं. हमारी सरकार देश में सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए सावधान है. हमने मस्जिदों के इमामों को गैर-मुसलमानों के खिलाफ दंगों के बारे में बात करने तथा उनके पूजा स्थलों को संरक्षित करने के लिए दबाव डालने का निर्देश दिया है.

उन्हें उपदेश तथा प्रेरक भाषण देने के लिए कहा गया है. यह काम पहले ही शुरू हो चुका है.छात्र भी पूजा स्थलों की सुरक्षा कर रहे हैं. मैंने इस सप्ताह की शुरुआत में ढाकेश्वरी मंदिर का दौरा करने के दौरान स्वयं यह देखा.

हम अपने अल्पसंख्यकों का सहयोग व समर्थन करने के लिए तैयार हैं, ताकि वे बांग्लादेश में शांतिपूर्वक रह सकें। हमारे मुख्य सलाहकार ने भी ढाकेश्वरी मंदिर का दौरा किया तथा धार्मिक नेताओं से बात की.

हमारा देश गैर-सांप्रदायिक है तथा सभी को अपने धर्मों का पालन करने तथा उनका प्रचार-प्रसार करने का अधिकार है - हिंदू, मुस्लिम, ईसाई सभी के अधिकार समान हैं. कोई धार्मिक भेदभाव नहीं है. कुछ उपद्रवी पूजा स्थलों में तोड़फोड़ कर रहे हैं. हम ऐसे सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई को तैयार हैं.

अब तक की जांच में क्या पता चला है? अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी हिंसा के पीछे कौन लोग हैं?

एएफएम खालिद हुसैन : हम मामले की जांच कर रहे हैं. हमने हमलों और बर्बरता पर विस्तृत रिपोर्ट भेजने के लिए विभिन्न ज‍िलों के डीसी को पत्र जारी किए हैं.
 

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बांग्लादेश में जारी हिंसा पर चिंता व्यक्त की है. अंतरिम सरकार भारत के साथ स्थिर संबंध बनाए रखने की क्या योजना बना रही है?

एएफएम खालिद हुसैन : प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरिम सरकार को बधाई संदेश भेजा है. भारत हमारा पड़ोसी देश है और हम भारत की सद्भावना के साथ अपने देश में शांति और सौहार्द बनाए रखना चाहते हैं.

भारत हमारा सबसे अच्छा पड़ोसी है, जिसने हमारे मुक्ति संग्राम के दौरान हमारी बहुत मदद की थी. हम दोनों देशों के बीच संबंधों को और गहरा करना चाहते हैं.

 ढाका छोड़ने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पहले बयान पर आपकी क्या राय है, क्योंकि उन्होंने बांग्लादेश में वर्तमान में जो कुछ हो रहा है, उस पर गहरी चिंता व्यक्त की है?

एएफएम खालिद हुसैन : हमारे विदेश मंत्री पहले ही कह चुके हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री हसीना का बयान नकारात्मक इरादे को दर्शाता है और इससे भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध और खराब होंगे.

 क्या आपको पिछले कई हफ्तों में बांग्लादेश में हुए घटनाक्रम में कोई विदेशी हाथ नजर आता है?

एएफएम खालिद हुसैन : नहीं, यह पूरी तरह से एक छात्र आंदोलन था और इसमें कोई विदेशी हस्तक्षेप नहीं था। यह पूर्व सरकार के खिलाफ छात्रों का विद्रोह था.

बांग्लादेश में हिंदू संगठनों ने आगामी त्योहारी सीजन के लिए पूरी सुरक्षा समेत कई मांगें रखी हैं। क्या अंतरिम सरकार ने उन्हें कोई आश्वासन दिया है?

एएफएम खालिद हुसैन : हमारे मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने हिंदू, ईसाई और बौद्ध समुदायों के नेताओं से बात की है और उन्हें आश्वासन दिया है कि हम अल्पसंख्यक समुदायों के पूजा स्‍थलों, व्यवसायों और घरों को सुरक्षित करने के लिए कदम उठा रहे हैं. हमने एक बैठक की है और प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए तैयार हैं.

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक, जिनमें हिंदू भी शामिल हैं, इस समय अपनी जान को लेकर डरे हुए हैं. उन्हें देश छोड़ने की धमकी भी दी जा रही है। क्या आपको लगता है कि इससे बांग्लादेश की छवि को बहुत नुकसान पहुंचा है?

एएफएम खालिद हुसैन : बांग्लादेश में लंबे समय से पूजा और रोजा एक साथ मनाए जाते हैं. यह केवल एक राजनीतिक आंदोलन था, धार्मिक नहीं। हमने कहा है कि हम अल्पसंख्यकों की मदद करने के लिए तैयार हैं.