बलूचिस्तान (पाकिस्तान)
बलूचिस्तान के हब शहर में पुलिस ने बलूच यकजेहती कमेटी (BYC) की कार्यकर्ता महज़ैब बलूच की प्रेस कॉन्फ्रेंस रोक दी। यह प्रेस वार्ता उनके पिता की कथित जबरन गुमशुदगी के विरोध में बुलाई गई थी। द बलूचिस्तान पोस्ट (TBP) की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने स्थानीय प्रेस क्लब को सील कर दिया और सार्वजनिक व्यवस्था कानून के तहत हिरासत में लेने की चेतावनी दी।
महज़ैब बलूच ने बताया कि हब प्रेस क्लब के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई थी और पत्रकारों को संबोधित करने से रोकने के लिए गेट बंद कर दिए गए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने चेतावनी दी कि सड़क पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की किसी भी कोशिश पर मेंटेनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर (MPO) की धारा 3 के तहत हिरासत में लिया जा सकता है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके पिता की गुमशुदगी को लेकर एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया।
परिवार के अनुसार, महज़ैब के पिता शफीक ज़ेहरी, जो डिग्री कॉलेज हब में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर हैं, को बुधवार दोपहर हब चौकी से हिरासत में लिया गया और एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। इस घटना की रिपोर्ट पहले भी दी जा चुकी है, जिसका हवाला TBP ने दिया।
नॉर्वे स्थित बलूच पत्रकार किय्या बलूच ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि प्रेस क्लब ऐतिहासिक रूप से संरक्षित स्थान माने जाते रहे हैं, जहां पुलिस हस्तक्षेप को अस्वीकार्य समझा जाता है। उन्होंने कहा, “पिछले दो वर्षों में दूसरी बार बलूचिस्तान में पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस रोकने के लिए प्रेस क्लबों में प्रवेश किया है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि सोशल मीडिया के दौर में बल प्रयोग से आवाज़ों को दबाना प्रभावी नहीं हो सकता।
मानवाधिकार संगठनों ने शफीक ज़ेहरी की जबरन गुमशुदगी और उनके परिवार पर लगाए गए प्रतिबंधों की कड़ी निंदा की है। BYC ने एक बयान में कहा कि शफीक ज़ेहरी, जबरन लापता किए गए कार्यकर्ता राशिद हुसैन बलूच के बड़े भाई हैं और उन्हें 17 दिसंबर को पेशेवर दायित्व निभाते समय अगवा किया गया। संगठन ने यह भी बताया कि शफीक ज़ेहरी को वर्ष 2013 में भी जबरन गायब किया जा चुका है।
BYC ने इस मामले को “सामूहिक दंड” का उदाहरण बताया, जिसमें शांतिपूर्ण मानवाधिकार गतिविधियों के जवाब में राजनीतिक कार्यकर्ताओं के परिवारों को निशाना बनाया जाता है। पांक और वॉयस फॉर बलूच मिसिंग पर्सन्स (VBMP) ने भी इस घटना की निंदा करते हुए अधिकारियों को शफीक ज़ेहरी की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार ठहराया और उन्हें तुरंत अदालत में पेश करने या रिहा करने की मांग की।






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