ढाका (बांग्लादेश)
बांग्लादेश की सबसे पुरानी और विरासत-समृद्ध सांस्कृतिक संस्थाओं में से एक छायानट (Chhayanaut) हिंसक हमले का शिकार हो गई। इंक़िलाब मंच के नेता उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा के दौरान ढाका के धानमंडी स्थित छायानट कार्यालय में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई।
कार्यालय के भीतर जले हुए फर्नीचर, नष्ट वाद्ययंत्र और बिखरा हुआ सामान उस रात की भयावह हिंसा की गवाही देता है। संस्था के अनुसार, कई दुर्लभ किताबें, संगीत वाद्य और सांस्कृतिक धरोहरें पूरी तरह नष्ट हो गईं। हमले के समय मौजूद कई छात्र भावुक होकर रोते नजर आए।
छायानट की महासचिव लाइसा अहमद ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने कहा,“हम इस घटना की निंदा करते हैं और गहन जांच की मांग करते हैं। नुकसान बहुत ज्यादा है, जिसे अभी आंकड़ों में बताना संभव नहीं। कुछ दुर्लभ किताबें शायद हमेशा के लिए खो गई हों। फिलहाल हम बेहद आहत हैं, लेकिन इस मामले में उचित जांच जरूरी है।”
1961 में स्थापित छायानट की स्थापना रवींद्रनाथ टैगोर की जन्मशती समारोह के आयोजन के बाद हुई थी। यह संस्था टैगोर अध्ययन को केंद्र में रखते हुए बंगला संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन का कार्य करती है और शोषित व पीड़ित लोगों के साथ एकजुटता का मंच रही है। बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान छायानट के गायकों ने स्वतंत्रता सेनानियों और शरणार्थियों का मनोबल बढ़ाने के लिए प्रस्तुतियां दी थीं। स्वतंत्रता के बाद भी संस्था संगीत और बंगला संस्कृति के व्यापक उत्सव को सशक्त करने में सक्रिय रही है।
इधर, इंक़िलाब मंच के नेता शरीफ उस्मान बिन हादी की मौत को लेकर विरोध-प्रदर्शन लगातार उग्र होता जा रहा है। बीती रात हुई हिंसा में डेली स्टार और प्रथम आलो जैसे मीडिया संस्थानों के कार्यालयों को निशाना बनाया गया। प्रदर्शनकारियों ने शेख मुजीबुर रहमान के आंशिक रूप से ध्वस्त घर पर भी हमला किया, शेष हिस्से को गिराने की कोशिश की और वहां पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पोस्टर में आग लगा दी।
हालांकि, इंक़िलाब मंच ने हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी से बचने की अपील की है। गुरुवार देर रात फेसबुक पोस्ट में संगठन ने कहा कि कुछ समूह आगजनी और विनाश के जरिए बांग्लादेश को कमजोर करना चाहते हैं और देश की स्वतंत्रता व संप्रभुता को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। आगामी फरवरी चुनावों के मद्देनज़र शांति बनाए रखने और सरकार के साथ सहयोग करने की अपील भी की गई।
इससे पहले डेली स्टार कार्यालय पर हमले के दौरान एक पत्रकार छत पर फंस गए थे। उन्होंने बताया कि चेतावनी मिलने के बाद स्टाफ ने इमारत खाली करने की कोशिश की, लेकिन तब तक भीड़ ग्राउंड फ्लोर तक पहुंच चुकी थी और आग लगा दी गई थी। दमकल कर्मियों ने बाद में आग पर काबू पाया और फंसे पत्रकारों को सुरक्षित बाहर निकाला।
हमलों के बाद प्रथम आलो और डेली स्टार शुक्रवार को प्रकाशित नहीं होंगे।