ऑस्ट्रेलिया का सबसे घातक हमला, बोंडी बीच पर 7 मिनट तक गूंजती रहीं गोलियां

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 15-12-2025
Australia's deadliest attack: Gunshots echoed for 7 minutes at Bondi Beach.
Australia's deadliest attack: Gunshots echoed for 7 minutes at Bondi Beach.

 

सिडनी

सिडनी का मशहूर बोंडी बीच, जहां रविवार की शाम हजारों लोग धूप और समुद्री हवा का मज़ा ले रहे थे और पास ही हनुक्का का शांतिपूर्ण कार्यक्रम चल रहा था, अचानक गोलियों की आवाज़ से दहशत में बदल गया। बच्चों के लिए फेस पेंटिंग, आइसक्रीम, आउटडोर मूवी और पेटिंग ज़ू के बीच चल रहे उत्सव पर उस समय कहर टूट पड़ा जब एक पिता-पुत्र ने भीड़ पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। लोग चीखते हुए इमारतों, दुकानों और गलियों में भागने लगे। बीच पर बिछे तौलिए, पिकनिक मैट और चप्पलें ऐसे ही छोड़ दी गईं। यह हमला न सिर्फ इसकी भयावहता और यहूदी समुदाय को निशाना बनाने के चलते चौंकाने वाला था, बल्कि इसलिए भी क्योंकि बोंडी बीच ऑस्ट्रेलिया की खुलेपन, सहजता और खुशमिज़ाजी का प्रतीक माना जाता है।

बोंडी बीच ऑस्ट्रेलिया का सबसे प्रसिद्ध बीच है—‘Bondi Rescue’ टीवी शो से लेकर क्रिसमस डे पर हजारों विदेशी बैकपैकर्स की मौजूदगी तक, और चुनाव के दिन स्विम-ब्रीफ पहने मज़ाकिया मतदाताओं तक, यह हमेशा से देश की अनौपचारिक और हल्की-फुल्की संस्कृति का प्रतिनिधि रहा है। लेकिन रविवार रात हालात तब बदल गए जब हमलावरों ने 10 से 87 वर्ष तक के लोगों को निशाना बनाया। रिपोर्टों के मुताबिक, मृतकों में एक होलोकॉस्ट सर्वाइवर भी शामिल था।

33 वर्षीय रेबेका ने बताया कि गोलियां चलते ही उन्होंने अपने 5 वर्षीय बेटे को मेज के नीचे दबाकर बचाने की कोशिश की। उनके बगल में पड़े एक व्यक्ति को गोली लगी और उनकी सास ने कार्डबोर्ड से उसकी चोट दबाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं बच सका। रेबेका ने कहा कि एक बुजुर्ग महिला जो नीचे नहीं बैठ सकी, उसे भी गोली मार दी गई। घटनास्थल के वीडियो में कम से कम सात मिनट तक गोलियों की आवाज़ लगातार सुनाई देती है।

ऑस्ट्रेलिया में बंदूकें दुर्लभ हैं, इसलिए बीच पर यह हमला और भी भयावह लगा। कई लोग बचने के लिए सीधे समुद्र में कूद गए। बोंडी, जो यहूदी समुदाय का केंद्र माना जाता है, पिछले साल भी एक चाकूबाजी की घटना से दहला था, हालांकि तब कोई राजनीतिक या धार्मिक मकसद नहीं पाया गया था। रविवार की घटना 1996 के पोर्ट आर्थर हत्याकांड के बाद ऑस्ट्रेलिया की सबसे घातक सामूहिक गोलीबारी है। अधिकारियों ने छह वैध लाइसेंस वाली बंदूकें बरामद की हैं, जो 50 वर्षीय मृत हमलावर की थीं। उसका 24 वर्षीय बेटा घायल अवस्था में गिरफ्तार किया गया है।

हमले को ऑस्ट्रेलियाई नेतृत्व ने स्पष्ट रूप से यहूदी समुदाय को निशाना बनाने वाला आतंकी हमला बताया। स्थानीय लोगों में गहरा सदमा है। फिर भी इस त्रासदी के बीच बहादुरी की कहानियाँ भी सामने आईं—स्थानीय फल विक्रेता अहमद अल-अहमद ने एक हमलावर को पकड़कर उसकी बंदूक छीन ली। वहीं बोंडी बीच के प्रसिद्ध लाइफगार्ड, जो आमतौर पर डूबते लोगों को बचाते हैं, नंगे पांव फर्स्ट-एड किट लेकर गोलियों की दिशा में दौड़ पड़े।

सोमवार सुबह बीच आम दिनों की तरह जीवंत नहीं था—आसपास के लोग स्तब्ध घूम रहे थे। आधे छोड़े हुए कंबल, कुर्सियाँ और बैग इस बात का सबूत थे कि लोग कार्यक्रम के दौरान कैसे जान बचाकर भागे। स्थानीय निवासी हेथर नोरलैंड ने कहा—“बोंडी हमेशा समुदाय और साथ आने की भावना का प्रतीक रहा है—और यह बहुत दुखद है कि यहां ऐसा हुआ।”

एक अन्य निवासी, जेनिन हॉल, जिन्होंने अपनी बेटी के साथ श्रद्धांजलि स्थल पर फूल रखे, बोलीं—“उम्मीद है यह ऑस्ट्रेलिया में बदलाव की शुरुआत नहीं है। नफरत का जवाब नफरत से नहीं दिया जा सकता।”