पोर्ट-ऑ-प्रिंस (हैती)
हैती इन दिनों गहरे आर्थिक संकट और हिंसा की चपेट में है, जिसके चलते देश में भुखमरी का खतरा गंभीर रूप लेता जा रहा है.हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, जून 2025तक देश की आधी से अधिक आबादी गंभीर खाद्य संकट का सामना कर सकती है, जबकि अस्थायी आश्रयों में रह रहे करीब 8,400लोग पहले से ही भुखमरी की स्थिति में पहुंच चुके हैं.
यह जानकारी ‘एकीकृत खाद्य सुरक्षा चरण वर्गीकरण’ (आईपीसी) ने दी है, जो संयुक्त राष्ट्र की एक वैश्विक पहल है और दुनिया भर में खाद्य असुरक्षा व कुपोषण की निगरानी करती है.रिपोर्ट में बताया गया है कि हैती में आपराधिक गिरोहों के बीच लगातार बढ़ रही हिंसा और देश की चरमराती अर्थव्यवस्था इस संकट के प्रमुख कारण हैं.
आईपीसी के अनुसार, जहां 2023में गंभीर भुखमरी की चपेट में 3लाख लोग थे, वहीं अब यह आंकड़ा बढ़कर करीब 57लाख पहुंच चुका है.रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पहले जिन आश्रयों में नियमित रूप से भोजन और पानी की आपूर्ति की जाती थी, वहां अब संसाधनों की भारी कमी हो गई है.
इसका एक बड़ा कारण अमेरिका की ओर से विदेशी सहायता अनुबंधों में की गई 90प्रतिशत कटौती है, जो फरवरी 2025में लागू की गई.हालांकि अगस्त 2024से फरवरी 2025तक लगभग 9.77 लाख हैतीवासियों को मासिक खाद्य सहायता दी गई, लेकिन इस दौरान राशन में लगभग आधे तक की कटौती करनी पड़ी.
यूनिसेफ ने भी चिंता जताते हुए बताया कि फिलहाल अनुमानतः 28.5लाख बच्चे गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं.यह स्थिति हैती के लिए मानवीय आपदा का संकेत दे रही है, जिसके लिए वैश्विक स्तर पर तत्काल सहायता और ध्यान की आवश्यकता है.