World Car Free Day 2024: भारतीय ईवी मार्केट में बढ़ रहा कॉम्पिटीशन, क्या है PM e-Drive Scheme

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 22-09-2024
World Car Free Day 2024: Competition is increasing in the Indian EV market, what is PM e-Drive Scheme
World Car Free Day 2024: Competition is increasing in the Indian EV market, what is PM e-Drive Scheme

 

ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली 

हर साल 22 सितंबर को दुनिया भर के शहर विश्व कार-मुक्त दिवस मनाते हैं, जिसमें मोटर चालकों को एक दिन के लिए अपनी कारों को छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. यह दिन नागरिकों के लिए कार-मुक्त होने के कई लाभों पर प्रकाश डालता है. जिसमें वायु प्रदूषण में कमी और सुरक्षित वातावरण में पैदल चलने, इलेक्ट्रिक वाहन  और साइकिल चलाने को बढ़ावा देना शामिल है.

इलेक्ट्रिक गाड़ियों की दुनियाभर में मौजूदगी लगातार बढ़ती जा रही है. वायु प्रदूषण और फ्यूल खर्च दोनों का बचाव करने में ये गाड़ियां अहम रोल निभा रही हैं. पैसेंजर इलेक्ट्रिक व्हीकल की बात करें तो इलेक्ट्रिक कार भी दुनिया में तेजी से बिक रही हैं.

इलेक्ट्रिक व्हीकल इस्तेमाल में सबसे टॉप पर हैं ये 5 राज्य

इलेक्ट्रिक गाड़ियां रखने और उसके साथ रहने के मामले में देश में चंडीगढ़, गोवा, दिल्ली, महाराष्ट्र और कर्नाटक सबसे बेहतरीन राज्य हैं. इनमें नंबर वन पोजिशन पर चंडीगढ़ है. इसके उलट, इस मामले में सबसे फिसड्डी राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, झारखंड और सिक्किम का नाम सामने आया है. इन राज्यों के लिए कहा गया है कि यहां इलेक्ट्रिक गाड़ियों को मेंटेन करना मुश्किल है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, मैपिंग कंपनी हीयर टेक्नोलॉजी और एसबीडी ऑटोमोटिव (परामर्श) की तरफ से किए एक स्टडी में यह पाया गया है.

भारत का इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट 2027 तक इस स्पीड से करेगा ग्रो

भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बाजार में  वर्ष 2027 तक 35-40 प्रतिशत सीएजीआर की वृद्धि होने की उम्मीद है. ग्रीन एनर्जी स्मॉलकेस (शेयरों का एक पोर्टफोलियो, जो अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के विकास से लाभान्वित होगा) का प्रबंधन करने वाली कंपनी निवेशय की रिपोर्ट से पता चला है कि भारत में ईवी की बिक्री की मात्रा 2025तक लगभग 3-4 मिलियन यूनिट और 2030 तक 10 मिलियन यूनिट तक पहुंच सकती है. IANS की खबर के मुताबिक, फिलहाल, भारतीय ईवी बाजार दोपहिया और तिपहिया ईवी सेगमेंट पर केंद्रित है, जो इसके वाहन बाजार का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा है.

क्या है PM e-Drive Scheme

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने के मुताबिक इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीदार पीएम ई-ड्राइव योजना के पहले साल में अधिकतम 10,000 रुपये तक की सब्सिडी ले सकते हैं. योजना की शुरूआत जल्द होगी. कुमारस्वामी के मुताबिक इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर के लिए पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत बैटरी ‘पावर’ के आधार पर 5,000 रुपये प्रति किलोवाट घंटा की सब्सिडी तय की गई है. हालांकि, पहले साल में कुल सब्सिडी 10,000 रुपये से ज्यादा नहीं होगी. दूसरे साल में ये सब्सिडी आधी 2,500 रुपये प्रति किलोवाट घंटा हो जाएगी और कुल बेनिफिट्स 5,000 रुपये से ज्यादा नहीं होगा.

भारतीय ईवी मार्केट में कॉम्पिटीशन

भारतीय ईवी मार्केट में कॉम्पिटीशन लगातार बढ़ता जा रहा है. खासकर इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट में अब कई कंपनियां उभर कर सामने आ रही हैं. इसी बीच इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाने वाली कंपनी ओबेन इलेक्ट्रिक ने वर्ल्ड ईवी डे पर अगले 6महीनों में 4नए इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर लॉन्च करने की घोषणा की है. इनकी कीमत 60,000 रुपये से 1,50,000 रुपये तक होंगी. ये कदम कस्टमर्स के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, इससे उन्हें किफायती और बेहतर परफॉर्मेंस वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल मिलेंगे.

70% मार्केट हिस्सेदारी का लक्ष्य लेकर बढ़ रही है कंपनी

भारत में जब इलेक्ट्रिक गाड़ियां आनी शुरू हुई थीं तो इनके भविष्य को लेकर काफी संदेह था. लेकिन आज हम सभी सच्चाई से वाकिफ हैं. इलेक्ट्रिक गाड़ियों से न सिर्फ लोगों को महंगे पेट्रोल से आजादी मिल रही है बल्कि पर्यावरण को भी साफ-सुथरा रखने में काफी मदद मिल रही है. अब लोग खुद आगे बढ़कर इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीद रहे हैं. भारत में तेजी से बढ़ रही इलेक्ट्रिक व्हीकल की डिमांड के बीच ओबेन इलेक्ट्रिक भी इस बाजार में अपनी जगह बनाने के लिए तैयार है. कंपनी का लक्ष्य इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट के 70% हिस्से को अपने प्रोडक्ट्स से कवर करना है.

थ्री-व्हीलर खरीदारों को पहले साल मिलेगी 25,000 रुपये तक की सब्सिडी

कुमारस्वामी ने कहा कि ई-रिक्शा खरीदार पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत पहले साल में 25,000 रुपये और दूसरे साल में 12,500 रुपये की सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं. मंत्री ने कहा, ‘‘इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर के लिए प्रति किलोवाट सब्सिडी पहले साल 5,000 रुपये और दूसरे साल 2,500 रुपये है. ये लाभ दो साल तक जारी रहेगा.’’ उन्होंने साफ किया कि प्रत्येक टू-व्हीलर पर अधिकतम लाभ पहले साल में 10,000 रुपये प्रति गाड़ी होगा और दूसरे साल में घटाकर इसे 5,000 रुपये कर दिया जाएगा.

इन गाड़ियों के लिए पहले साल मिलेगी 50,000 रुपये तक की सब्सिडी

फिलहाल ओला, टीवीएस, एथर एनर्जी, हीरो मोटोकॉर्प और बजाज जैसी कंपनियों के इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी क्षमता 2.88 kWh (किलोवाट घंटा) से 4 kWh तक है. इनकी कीमत 90,000 रुपये से 1.5 लाख रुपये है. कुमारस्वामी ने कहा कि ई-रिक्शा समेत बाकी थ्री-व्हीलर के लिए पहले साल में, उन्हें 25,000 रुपये का लाभ मिलेगा और दूसरे साल में ये घटकर 12,500 रुपये प्रति वाहन हो जाएगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि L5 कैटेगरी (माल ढुलाई वाले थ्री-व्हीलर) के लिए उन्हें पहले साल में 50,000 रुपये का लाभ मिलेगा और दूसरे साल में ये 25,000 रुपये हो जाएगा.

पीएम ई-ड्राइव पोर्टल के जरिए जारी किया जाएगा आधार प्रमाणित ई-वाउचर

योजना के तहत, पीएम ई-ड्राइव पोर्टल के जरिए एक आधार प्रमाणित ई-वाउचर जारी किया जाएगा. इस पर खरीदार और डीलर हस्ताक्षर करेंगे, जिसके बाद उसे पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा. खरीदार को योजना के तहत सब्सिडी का लाभ लेने के लिए पोर्टल पर ‘सेल्फी’ अपलोड करनी होगी. योजना में सरकारी सब्सिडी के गलत इस्तेमाल से बचने के बारे में भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव कामरान रिजवी ने कहा, ‘‘हमने फेम-दो से कई चीजें सीखी हैं. इसीलिए, हर छह महीने में उत्पादन की पुष्टि के लिए परीक्षण होगा. इससे ये पता चलेगा कि चीजें दुरुस्त हैं या नहीं.’’

एक ऑल इलेक्ट्रिक कार में इन चीजों की है बड़ी भूमिका, तब जाकर भरती है फर्राटा

दरअसल, सभी इलेक्ट्रिक गाड़ियों, जिन्हें बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल भी कहा जाता है, में आंतरिक दहन इंजन के बजाय इलेक्ट्रिक मोटर होती है. कार मे मौजूद इलेक्ट्रिक मोटर को पावर देने के लिए एक बड़े ट्रैक्शन बैटरी पैक का इस्तेमाल होता है और इसे दीवार के आउटलेट या चार्जिंग डिवाइस में प्लग किया जाता है. इसमें ईंधन पंप, ईंधन लाइन या ईंधन टैंक जैसे विशिष्ट तरल ईंधन कम्पोनेंट नहीं होते हैं. इलेक्ट्रिक कार को फर्राटा भरने में बैटरी, चार्ज पोर्ट, डीसी/डीसी कनवर्टर, ट्रैक्शन बैटरी पैक, ट्रांसमिशन (इलेक्ट्रिक), इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन मोटर, ऑनबोर्ड चार्जर, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स कंट्रोलर, थर्मल सिस्टम (शीतलन) चीजें अहम हैं.