ये इंसान नहीं, इब्लीस की औलादें हैं: मुस्लिम नेतृत्व और उलेमा ने पहलगाम आतंकी हमले की एक स्वर में की निंदा

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 23-04-2025
These are not humans, they are the children of Iblis: Muslim leadership and Ulema unanimously condemn the Pahalgam terror attack
These are not humans, they are the children of Iblis: Muslim leadership and Ulema unanimously condemn the Pahalgam terror attack

 

मलिक असगर हाशमी/ नई दिल्ली 

जम्मू-कश्मीर के पर्यटन नगरी पहलगाम में हुए नृशंस आतंकवादी हमले की लहरें केवल घाटी में ही नहीं, बल्कि पूरे देश और मुस्लिम समाज की अंतरात्मा तक को झकझोर रही हैं. सोमवार की शाम पांच पाकिस्तान परस्त आतंकियों ने बैसारन घाटी में मौज-मस्ती कर रहे निहत्थे पर्यटकों पर गोलियों की बौछार कर दी. 

इस वीभत्स हमले में अब तक 26 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें विदेशी नागरिक भी शामिल हैं. हमलावरों ने कथित रूप से नाम और कलमा सुनकर लोगों को मारने की साजिश रची—यह अमानवीयता की पराकाष्ठा है।.

इस हमले की देश-दुनिया के प्रमुख मुस्लिम नेताओं, उलेमा और संगठनों ने कड़ी निंदा की है. उनका कहना है कि ऐसे लोग न मुसलमान हो सकते हैं, न इंसान—इनकी क्रूरता को धर्म या पंथ से जोड़ना न सिर्फ ग़लत होगा, बल्कि खुद इस्लाम की तौहीन है.

जमात-ए-इस्लामी हिंद: ऐसा कोई अमल इस्लाम का हिस्सा नहीं हो सकता

जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सदातुल्लाह हुसैनी ने हमले की तीखी आलोचना करते हुए कहा:"यह पूरी तरह अमानवीय और निंदनीय कृत्य है. विदेशी पर्यटकों सहित निर्दोष लोगों की हत्या किसी भी रूप में जायज नहीं। मेरी संवेदनाएँ पीड़ित परिवारों के साथ हैं। ज़िम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाए और कड़ी सजा दी जाए."

 इमरान प्रतापगढ़ी: आतंक के खिलाफ पूरा देश एकजुट हो

राज्यसभा सांसद और शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने भी घटना को “कायराना हमला” बताया. एक्स (पूर्व ट्विटर) पर उन्होंने लिखा:"यह घटना दिल दहला देने वाली है. पीड़ितों के लिए मेरी संवेदनाएँ और घायलों के लिए दुआएँ. सरकार को अब खोखले दावों से आगे बढ़कर जवाबदेही लेनी होगी। ठोस कदम उठाने का वक्त आ गया है."

 एआईएमआईएम प्रवक्ता असीम वकार: ये इंसान नहीं, शैतान की औलाद हैं

AIMIM के प्रवक्ता और टीवी डिबेट्स में मुखर आवाज़ सैयद असीम वकार ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा:"ये लोग मुसलमान नहीं हो सकते. इन्होंने निहत्थे इंसानों पर गोलियां बरसाईं, ये इब्लीस की औलाद हैं. इनके साथ वही सुलूक होना चाहिए जैसा ये मासूमों के साथ करते हैं. भारत सरकार को इनके खिलाफ वैसी ही दरिंदगी दिखानी चाहिए जैसी इन्होंने दिखाई."
 

 रज़ा एकेडमी और सुन्नी जमीअतुल उलेमा का संयुक्त बयान

मुंबई की रज़ा एकेडमी और सुन्नी जमीअतुल उलेमा ने भी एक संयुक्त बयान में कहा:"यह हमला न सिर्फ मानवता के खिलाफ है बल्कि इस्लाम की बुनियादी शिक्षाओं के भी खिलाफ है. हम कड़ी शब्दों में इसकी निंदा करते हैं और सरकार से मांग करते हैं कि ऐसे दरिंदों को जड़ से खत्म किया जाए."

 हमले की प्रकृति: सैलानियों पर सुनियोजित हमला

बताया जा रहा है कि हमलावरों ने पर्यटकों से नाम और धार्मिक पहचान पूछकर उन्हें मौत के घाट उतारा. आतंकियों का यह वहशीपन दर्शाता है कि यह हमला केवल जान लेने का नहीं, बल्कि सांप्रदायिक नफरत फैलाने की गहरी साजिश थी. देर रात तक सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन चलाया.

 सरकार और सेना एक्शन में, NSA निगरानी में

घटना के बाद केंद्र सरकार ने आपात समीक्षा बैठक बुलाई. गृहमंत्री अमित शाह स्वयं श्रीनगर पहुंचे, जबकि NSA अजीत डोभाल पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं. पहलगाम और आसपास के क्षेत्रों में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है.

"आतंक का कोई मज़हब नहीं होता" – मुस्लिम नेतृत्व की एकजुटता

घटना के बाद स्पष्ट रूप से देखा गया कि भारत का मुस्लिम नेतृत्व, इस्लामिक विद्वान, सामाजिक संगठन और आम मुसलमान इस हमले की कड़ी आलोचना करते हुए एक सुर में आतंकवाद के खिलाफ खड़े हुए हैं. यह दिखाता है कि भारत का मुसलमान शांति, सह-अस्तित्व और इंसानियत के पक्ष में है, न कि किसी भी रूप में हिंसा और बर्बरता के.


पहलगाम हमला केवल एक आतंकी वारदात नहीं, यह भारत की विविधता, पर्यटन और धार्मिक सौहार्द पर हमला है. लेकिन जिस एकता और तीव्रता से देश के सभी तबकों, विशेषकर मुस्लिम समाज ने इसकी निंदा की है, वह दर्शाता है कि आतंकवाद के खिलाफ यह देश एकजुट है.

अब यह समय है जब सरकार, समाज और वैश्विक समुदाय मिलकर यह सुनिश्चित करें कि ऐसे इब्लीसी ताकतों का नामोनिशान मिटा दिया जाए.