तब्लीगी जलसा में मेवात का भाईचारा, मदन और विष्णु ने तब्लीगियों को पिलाई चाय और खिलाया खाना

Story by  यूनुस अल्वी | Published by  [email protected] | Date 14-02-2023
हिंदु-मुस्लिम भाईचारा की मिसाल -मदन ने चाय-काॅफी स्टाल तो विष्णु ने चलाया ढ़ाबा
हिंदु-मुस्लिम भाईचारा की मिसाल -मदन ने चाय-काॅफी स्टाल तो विष्णु ने चलाया ढ़ाबा

 

यूनुस अल्वी / नूंह/ मेवात (हरियाणा)

देश में भाईचारा बढ़ाने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. नामचीन लोगों को इसके लिए आगे किया गया है. मगर छोटे लोगों द्वारा छोटे प्रयास कम कारगर साबित नहीं हो रहे.यह नजारा दिल्ली से लगभग 50 किलोमीटर दूर हरियाणा के मेवात क्षेत्र के नूंह जिले में 11 से 13 फरवरी तक देखने को मिला.

इस दौरान यहां तब्लीगी जमात का तीन दिवसीय जलसा आयोजित किया गया, जिसमें हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित अन्य इलाकों के 10 हजार से अधिक लोग इकट्ठे हुए. जलसे की सदारत तब्लीगी जमात के अंतरराष्ट्रीय अमीर हजरत मौलाना साद ने की.
 
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उल्लेखनीय है कि तब्लीगी आंदोलन की शुरुआत एक तरह से मेवात के इसी इलाके से की गई थी. हरियाणा का मेव मुस्लिम बहुल इलाका हिंदू-मुस्लिम भाईचारे के लिए भी जाना जाता है.देश के जब विभिन्न हिस्से से मंदिरों के बाहर लगने वाले मेलों में कुछ सिरफिरों द्वारा मुस्लिम दुकानदारों के बहिष्कार के लिए आंदोलन चलाए जाने की खबरें आ रही है, वहीं नूंह के इस तब्लीगी जमात के जलसे में हिंदू-मुस्लिम भाईचारा दिखा. 
 
जहां नगर पालिका नूंह के पूर्व चेयरमैन विष्णु सिंगला ने जलसे में शिकरत की, उन्हांेंने हजारों तब्लीगियों के लिए मुफ्त खाने का ढ़ाबा चलाया. इसी तरह नगर पार्षद मदन तंवर ने भी तीन दिनों तक चाय और कॉफी के स्टॉल लगाकर लोगों की मुफ्त सेवा की. इस जलसे में बड़ी संख्या में हिंदू भी शरीक हुए.
 
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 नगर पालिका नूंह के पूर्व चेयरमैन विष्णु सिंगला इस बारे में कहते हैं, मेवात में हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की परंपरा पुरानी है. हम एक दूसरे के धार्मिक कार्यों में न केवल शरीक होते हैं. एक-दूसरे के बगैर हमारा तीज-त्योहार भी नहीं मनता. यहां तक कि शादियों और बच्चे की पैदाइश की रस्में भी एक-दूसरे से बहुत हद तक मिलती-जुलती हैं.
 
मेवात में तकरीबन 86 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है. इसपर सिंगला कहते हैं, ‘‘यहां के हिंदू समाज को कभी छोटा नहीं समझा जाता. समाज में दोनों को बराबरी का दर्जा प्राप्त है. हम हर परेशानी में एक साथ खड़े रहते हैं.’’ 
 
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इसके साथ उन्हांेने कतिपय मीडिया संस्थान और संगठनों की आलोचना की. उन्हांेने कहा, वे मेवात के भाईचारा की संस्कृति को बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं. बावजूद इसके यहां के लोगों में किसी तरह का कोई मनमुटाव नहीं है.
 
बता दें कि हाल के दिनों में हरियाणा के इस इलाके से मीडिया के एक वर्ग और संगठन द्वारा हिंदुओं के पलायन और जबरन धर्म परिवर्तन की ‘खबरें’ उछाली थीं. मगर बाद में यह असत्य साबित हुए.
 
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नूंह के नगर पार्षद मदन तंवर ने बताया कि मेवात के हिंदू-मुस्लिम एक है. चाहे जितनी साजिश हो जाए. इस एकता को कोई तोड़ नहीं सकता. हम यहां होली, दिवाली, राम बारात, ईद-बकरीद साथ-साथ मनाते हैं. हिंदू समाज रमजान में रोजा इफ्तार कराया है.
 
उन्हांेने खुद पिछले साल रमजान में पांच रोजे रखे थे. इस सामाजिक एका को कायम रखने के लिए हरियाणा की सियासी पार्टी इंडियान नेशनल लोकदल पिछले डेढ़ दशक से इफ्तार पार्टी कराती आ रही है, जिसमें दस से पंद्रह हजार रोजेदार मेवात भर से इकट्ठे होते हैं.