आवाज द वाॅयस/अलीगढ़
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के संस्थापक सर सैयद अहमद ख़ाँ की 208वीं जयंती इस वर्ष 17 अक्टूबर को अत्यंत गरिमा और पारंपरिक भव्यता के साथ मनाई जाएगी. यह आयोजन न केवल एक श्रद्धांजलि है, बल्कि सर सैयद के दूरदर्शी दृष्टिकोण, उनके सुधारवादी विचारों और आधुनिक शिक्षा के प्रति उनके समर्पण का उत्सव भी है.
इस विशेष अवसर पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अब्दुल शाहिद मुख्य अतिथि के रूप में समारोह में भाग लेंगे. वे सुबह 10:45 बजे गुलिस्तां-ए-सैयद पहुँचेंगे, जहाँ उन्हें विक्टोरियन युग की प्रतीकात्मक घोड़ा बग्घी में भव्य स्वागत के साथ लाया जाएगा. उनके साथ एएमयू की कुलपति प्रो. नायमा ख़ातून भी उपस्थित रहेंगी. राइडिंग क्लब के सदस्य मुख्य अतिथि का पारंपरिक स्वागत करेंगे.
इस आयोजन के विशिष्ट अतिथि होंगे देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिक और इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ, जो चंद्रयान-3 की सफलता के दौरान इसरो के अध्यक्ष थे. इसके अतिरिक्त पेंग्विन रैंडम हाउस की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट एवं पब्लिशर मीलि अष्टवार्या, विशेष अतिथि के रूप में शामिल होंगी.
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 6:00 बजे विश्वविद्यालय मस्जिद में कुरआन ख्वानी से होगी. इसके पश्चात 7:00 बजे सर सैयद की मज़ार पर चादरपोशी की रस्म अदा की जाएगी. कुलपति प्रो. नायमा ख़ातून सुबह 9:30 बजे सर सैयद अकादमी में सर सैयद की पुस्तकों और लेखों पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगी. सर सैयद पर केंद्रित नई पुस्तकों का लोकार्पण भी करेंगी.
मुख्य समारोह सुबह 10:45 बजे गुलिस्तां-ए-सैयद में आरंभ होगा, जिसकी शुरुआत कुरआन की आयतों की तिलावत से होगी. एएमयू के रजिस्ट्रार प्रो. आसिम ज़फ़र स्वागत भाषण देंगे, जिसके पश्चात मुख्य अतिथि सर सैयद एक्सीलेंस पुरस्कार – अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्रो. फैसल देवजी (बैलीओल कॉलेज, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय) को और राष्ट्रीय पुरस्कार डॉ. अब्दुल क़ादिर (चेयरमैन, शाहीन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स) को प्रदान करेंगे.
पुरस्कार विजेताओं के वक्तव्यों के बाद एएमयू के छात्र-छात्राएं ज़ैनब फैज़ा इस्लाम और अबू मार भाषण देंगे. तत्पश्चात, प्रो. फेज़ा तबस्सुम आज़मी (व्यवसाय प्रशासन विभाग) और प्रो. मोहम्मद क़मरुल हूदा फारिदी (उर्दू विभाग) अंग्रेज़ी और उर्दू में सर सैयद के विचारों, दर्शन और शिक्षा मिशन पर भाषण देंगे.
इसके बाद विशेष अतिथि मीलि अष्टवार्या और फिर विशिष्ट अतिथि डॉ. एस. सोमनाथ सभा को संबोधित करेंगे. सार्वजनिक संपर्क कार्यालय द्वारा आयोजित अखिल भारतीय निबंध लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को भी इस अवसर पर पुरस्कृत किया जाएगा.
मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति अब्दुल शाहिद का प्रेरणादायक संबोधन समारोह के मुख्य आकर्षणों में से एक होगा. इसके बाद स्मृति चिह्नों का वितरण होगा. कुलपति प्रो. नायमा ख़ातून अपना अध्यक्षीय भाषण देंगी. समारोह का समापन एएमयू का तराना और राष्ट्रगान के साथ होगा.
सर सैयद अहमद ख़ाँ: एक युगद्रष्टा
सर सैयद अहमद ख़ाँ (1817–1898) केवल एक शिक्षाविद नहीं थे, बल्कि एक सामाजिक सुधारक, धार्मिक विचारक और आधुनिक भारत में मुस्लिम समाज के पुनरुत्थान के अग्रदूत थे. उन्होंने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद यह समझा कि भारतीय मुसलमानों की सामाजिक और शैक्षणिक प्रगति के लिए आधुनिक, वैज्ञानिक शिक्षा आवश्यक है.
1875 में उन्होंने मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना की, जो आगे चलकर 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के रूप में विकसित हुआ. सर सैयद ने पश्चिमी शिक्षा को इस्लामी मूल्यों के साथ जोड़ने का प्रयास किया. शिक्षा को धर्मनिरपेक्षता, तर्क और वैज्ञानिक सोच का माध्यम बनाया.
उनकी प्रसिद्ध कृति असरास-सनादीद, तहज़ीब-उल-अख़लाक़, और कुरआन की तफसीर आधुनिक सोच और व्याख्या का अद्भुत उदाहरण हैं. उन्होंने मुसलमानों को विज्ञान, राजनीति और सामाजिक क्षेत्रों में अग्रसर होने के लिए प्रेरित किया और अपने जीवन को एक मिशन के रूप में देखा – मुसलमानों को ज्ञान की रोशनी तक पहुँचाने का.
आज, एएमयू का हर समारोह, विशेष रूप से ‘सर सैयद डे’, उनके विचारों को दोहराने और आने वाली पीढ़ियों को उनके जीवन से प्रेरणा देने का माध्यम बनता है.
सर सैयद की 208वीं जयंती पर यह आयोजन न केवल एक श्रद्धांजलि है, बल्कि यह भी स्मरण कराता है कि शिक्षा, विवेक और समावेशी सोच ही किसी समाज के विकास की आधारशिला होती है. एएमयू इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए आज भी उनके आदर्शों पर चल रहा है.
दिन भर चलने वाले कार्यक्रम
17 अक्टूबर को होने वाले कार्यक्रम की शुरुआत भोर में ही हो जाएगी:
सुबह 6:00 बजे: यूनिवर्सिटी मस्जिद में फज्र की नमाज के बाद कुरान ख्वानी (कुरान का पाठ) होगी.
सुबह 7:00 बजे: सर सैयद के मज़ार पर पारंपरिक 'चादर पोशी' की रस्म अदा की जाएगी.
सुबह 9:30 बजे: कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून, सर सैयद अकादमी में सर सैयद के लेखन और किताबों की एक विशेष प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगी और सर सैयद अहमद खान से संबंधित नई प्रकाशनों का विमोचन करेंगी.
शाम को: इस ऐतिहासिक दिन को चिह्नित करने के लिए, विश्वविद्यालय के विभिन्न आवासीय हॉलों में पारंपरिक 'सर सैयद डे डिनर' का भी आयोजन किया जाएगा, जिसका छात्रों को बेसब्री से इंतज़ार रहता है.