अहमदाबाद
भारतीय टेस्ट कप्तान शुभमन गिल ने कहा है कि टीम अब घरेलू टेस्ट मैचों में केवल टर्निंग पिचों पर निर्भर नहीं रहना चाहती, बल्कि ऐसी पिचों पर खेलना चाहती है जो गेंदबाजों और बल्लेबाजों दोनों को बराबर मदद दें।
वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में गिल ने कहा कि पहले टेस्ट मैच में पिच की घास और मौसम की उमस को देखते हुए तीसरे तेज गेंदबाज को मौका दिया जा सकता है। हालांकि, अंतिम फैसला मैच से एक दिन पहले लिया जाएगा।
गिल ने कहा,"मेरे कप्तान बनने से पहले क्या रणनीति थी, उस पर मैं टिप्पणी नहीं करूंगा। लेकिन हमारा प्रयास है कि हम ऐसी पिचों पर खेलें जो संतुलित हों – जहां गेंदबाज और बल्लेबाज दोनों को मदद मिले।"
उन्होंने यह भी कहा कि भारत में खेलने आने वाली टीमों के लिए स्पिन और रिवर्स स्विंग सबसे बड़ी चुनौती होती है, और टीम इन्हीं पहलुओं को ध्यान में रखते हुए पिचों का चयन करना चाहती है।
गिल ने यह भी स्वीकार किया कि हाल ही में समाप्त हुए एशिया कप में टी20 प्रारूप में खेलने के बाद खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट में ढलने के लिए बहुत कम समय मिला। उन्होंने कहा,"हमें टेस्ट की तैयारी के लिए केवल दो दिन मिले हैं। अलग फॉर्मेट में जल्दी बदलाव करना चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन हमने नेट्स में कड़ी मेहनत की है। टेस्ट फॉर्मेट के लिए मानसिक रूप से तैयार रहना ज्यादा ज़रूरी होता है।"
गिल और तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह दुबई से सीधे टीम से जुड़ गए हैं। जब गिल से बुमराह की वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि"हम मैच दर मैच फैसला लेंगे। यह इस पर निर्भर करेगा कि मैच कितना लंबा चलता है और गेंदबाजों को कितने ओवर डालने पड़ते हैं। अभी कुछ तय नहीं किया गया है।"
गिल ने यह भी स्पष्ट किया कि रविंद्र जडेजा टेस्ट टीम में छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते रहेंगे।"हमें पता है कि जड्डू भाई को भारत में खेलना कितना मुश्किल होता है। जिस तरह का फॉर्म उन्होंने हाल में दिखाया है, वह हमारी टेस्ट टीम के स्थायी छठे नंबर के बल्लेबाज बन गए हैं।"गिल ने अंत में कहा कि टीम का फोकस मजबूत और आक्रामक क्रिकेट खेलने पर है, ताकि टेस्ट मैच पांच दिन तक चले और दर्शकों को रोमांचक खेल देखने को मिले।