ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली
भारतीय महिला क्रिकेट की चमकती सितारा स्मृति मंधाना ने एक बार फिर अपने बल्ले से सभी सवालों और चर्चाओं पर विराम लगा दिया है। हालिया व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी चर्चाओं के बीच मंधाना ने मैदान पर ऐसा प्रदर्शन किया, जिसने उन्हें इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया। श्रीलंका के खिलाफ पांच मैचों की T20I सीरीज़ के पहले मुकाबले में स्मृति मंधाना ने महिला T20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 4000 रन पूरे कर लिए और ऐसा करने वाली एशिया की पहली महिला क्रिकेटर बन गईं।
यह ऐतिहासिक मुकाबला विशाखापत्तनम के ACA-VDCA स्टेडियम में खेला गया। भारत को जीत के लिए 122 रनों का आसान लक्ष्य मिला था। स्मृति मंधाना को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए सिर्फ 18 रनों की जरूरत थी, जिसे उन्होंने बेहद आक्रामक अंदाज़ में हासिल किया। पावरप्ले के दौरान श्रीलंकाई कप्तान चमारी अथापथ्थु की गेंद पर कवर के ऊपर से लगाए गए शानदार चौके के साथ उन्होंने यह कीर्तिमान अपने नाम किया। महज़ 15 गेंदों में यह उपलब्धि हासिल कर मंधाना ने अपनी क्लास और निरंतरता का एक और प्रमाण दिया। हालांकि उनकी पारी 25 गेंदों में 25 रन बनाकर समाप्त हुई, जब इनोका रणवीरा ने उन्हें आउट किया।

29 वर्षीय स्मृति मंधाना अब महिला T20I क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाली खिलाड़ियों की सूची में दूसरे स्थान पर पहुंच गई हैं। उनसे आगे सिर्फ न्यूज़ीलैंड की अनुभवी बल्लेबाज़ सूज़ी बेट्स हैं। यह उपलब्धि न केवल भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि वैश्विक महिला क्रिकेट में भी भारत की मजबूत उपस्थिति को दर्शाती है।
यह मैच भारतीय महिला टीम का पहला अंतरराष्ट्रीय मुकाबला भी था, जो उन्होंने हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में अपना पहला ICC महिला वनडे विश्व कप खिताब जीतने के बाद खेला। ऐसे में मंधाना का यह रिकॉर्ड भारत के लिए और भी खास बन गया।
स्मृति मंधाना का जन्म 18 जुलाई 1996 को मुंबई में हुआ, लेकिन उनका क्रिकेटिंग सफर महाराष्ट्र के सांगली से शुरू हुआ। क्रिकेट उन्हें विरासत में मिला—उनके पिता और भाई दोनों ही राज्य स्तर पर क्रिकेट खेल चुके हैं। महज 9 साल की उम्र में उन्होंने क्रिकेट की औपचारिक ट्रेनिंग शुरू कर दी थी।
16 साल की उम्र में स्मृति ने भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। 2013 में वनडे डेब्यू करने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में शतक लगाकर वह सुर्खियों में आईं और दुनिया को अपने असाधारण टैलेंट का एहसास कराया।
स्मृति मंधाना ने अपने करियर में कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं:
महिला T20I में 4000 रन बनाने वाली एशिया की पहली बल्लेबाज़
ICC महिला क्रिकेटर ऑफ द ईयर (2018, 2021)
ICC महिला ODI टीम और T20I टीम की नियमित सदस्य
महिला प्रीमियर लीग (WPL) में सबसे महंगी खिलाड़ियों में शामिल
भारत की उपकप्तान के रूप में कई अहम सीरीज़ में योगदान
उनकी बल्लेबाज़ी तकनीक, कवर ड्राइव और निडर अंदाज़ उन्हें दुनिया की सर्वश्रेष्ठ ओपनर बल्लेबाज़ों में शामिल करता है। मंधाना सिर्फ रन मशीन नहीं, बल्कि युवा लड़कियों के लिए एक प्रेरणा भी हैं, जो क्रिकेट को करियर के रूप में अपनाने का सपना देखती हैं।

स्मृति मंधाना की यह उपलब्धि यह साबित करती है कि वह सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट की पहचान बन चुकी हैं। दबाव के क्षणों में शांत रहना, आलोचनाओं को प्रदर्शन से जवाब देना और निरंतर ऊंचाइयों को छूना—यही उनकी सबसे बड़ी ताकत है।
4000 T20I रनों का यह ऐतिहासिक आंकड़ा न केवल स्मृति मंधाना के करियर का मील का पत्थर है, बल्कि यह भारतीय महिला क्रिकेट के उज्ज्वल भविष्य की भी कहानी कहता है।
पिछले कुछ समय से स्मृति मंधाना की शादी को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चाएं और अफवाहें चल रही थीं। कुछ रिपोर्ट्स में उनकी निजी ज़िंदगी को लेकर अनावश्यक बातें कही गईं, तो कुछ ने उनके फोकस और फॉर्म पर सवाल खड़े करने की कोशिश की। हालांकि मंधाना ने इन तमाम चर्चाओं पर कभी सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने हमेशा की तरह चुप रहकर क्रिकेट को ही अपना जवाब बनने दिया।
यही वजह है कि उनका यह रिकॉर्ड सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि मानसिक मजबूती, परिपक्वता और प्रोफेशनलिज़्म का भी प्रतीक बन गया है।
शादी को लेकर उठी चर्चाओं के बीच स्मृति मंधाना की यह उपलब्धि एक साफ संदेश देती है—व्यक्तिगत ज़िंदगी की सुर्खियां नहीं, बल्कि मेहनत, अनुशासन और प्रदर्शन ही किसी खिलाड़ी की असली पहचान होती है।
4000 T20I रनों का यह आंकड़ा सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि यह कहानी है एक ऐसी खिलाड़ी की, जिसने हर दबाव को ताकत में बदला और भारतीय महिला क्रिकेट को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।