Should Ravindra Jadeja reduce the speed of his balls to remain effective on English pitches?
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
रविंद्र जडेजा की इंग्लैंड में हालिया टेस्ट प्रदर्शन ने एक अहम सवाल खड़ा कर दिया है — क्या वह विदेशी पिचों पर उतने प्रभावशाली हैं, जितना भारत में टर्निंग ट्रैक्स पर रहते हैं? हेडिंग्ले टेस्ट के पांचवें दिन जब इंग्लैंड के बल्लेबाज बेन डकेट ने रिवर्स स्वीप से जडेजा को मैच से लगभग बाहर कर दिया, तब यह साफ हो गया कि उनकी गेंदबाज़ी में कुछ तकनीकी समस्याएं हैं जो इंग्लिश परिस्थितियों में सामने आ रही हैं.
तेज रफ्तार बन रही है बाधा?
जडेजा की गेंदें आमतौर पर तेज़ स्पीड से टप्पा खाती हैं — जो भारतीय पिचों पर कारगर होती है, जहां सतह ही गेंद को टर्न करने में मदद देती है। लेकिन इंग्लैंड में, खासकर जब गेंद रफ (pitch rough) में गिरती है, तो बहुत तेज़ गेंदें टर्न नहीं करतीं और बल्लेबाज़ों के लिए इन्हें रिवर्स स्वीप करना आसान हो जाता है. डकेट ने जडेजा के खिलाफ यही रणनीति अपनाई — और सफल रहे.
कई विशेषज्ञ मानते हैं कि जडेजा की "स्पीड ऑन द बॉल" इंग्लिश पिचों पर उन्हें नुकसान पहुंचा रही है. अगर वो अपनी गति कम करके, गेंद को हवा में ज्यादा लहराने दें और उस पर अधिक स्पिन दें — जैसा कि बिशन सिंह बेदी या मुरली कार्तिक जैसे पूर्व लेफ्ट आर्म स्पिनर करते थे — तो उन्हें ज्यादा टर्न और परिणाम मिल सकते हैं.
जडेजा ने इंग्लैंड में अब तक 13 टेस्ट में सिर्फ 28 विकेट लिए हैं, और उनका स्ट्राइक रेट 102.6 है — यानी उन्हें हर विकेट के लिए औसतन 17 ओवर फेंकने पड़ते हैं. इस आंकड़े से साफ है कि वे इंग्लिश परिस्थितियों में गेंदबाजी में वो असर नहीं डाल पा रहे जो वे भारतीय परिस्थितियों में करते हैं.
स्पीड कम करने में दिक्कत क्यों?
जडेजा की गेंदबाजी का सबसे बड़ा हथियार है उनकी सटीकता और निरंतरता — वे बार-बार एक ही जगह गेंद डाल सकते हैं. लेकिन यही उनकी कमजोरी भी बन जाती है जब परिस्थितियां बदलती हैं. गेंद की गति को कम करना उनके "मसल मेमोरी" यानी शारीरिक आदतों के खिलाफ है. गति कम करने से उनकी लाइन और लेंथ बिगड़ सकती है, जिससे गेंद "हिटेबल" यानी आसानी से मारी जा सकने वाली हो जाती है.
अगर जसप्रीत बुमराह अगले मैच में फिट नहीं होते हैं, तो टीम मैनेजमेंट को शायद दो फिंगर स्पिनर — जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर — को एक साथ खिलाने से बचना होगा. ऐसे में wrist spinner कुलदीप यादव को मौका दिया जा सकता है, जिनकी गेंदबाजी में फ्लाइट और विविधता इंग्लिश परिस्थितियों में फायदेमंद हो सकती है.
वॉशिंगटन सुंदर के पास बल्लेबाजी का भी हुनर है, जो जडेजा के चयन के एक बड़े कारण में शामिल है. ऐसे में कुलदीप और सुंदर की जोड़ी परिस्थितियों के हिसाब से ज्यादा उपयुक्त हो सकती है.
कहां जडेजा होंगे ज्यादा असरदार?
इस टेस्ट सीरीज़ में मैनचेस्टर का मैदान जडेजा के लिए सबसे मुफीद हो सकता है, जहां पिच पांचवें दिन तक स्पिनरों को मदद देती है। वहीं, एडबस्टन में 2022 में जो रूट और जॉनी बेयरस्टो ने जडेजा की गेंदबाज़ी को आसानी से खेला था। उस टेस्ट में उन्होंने 18.4 ओवर में 62 रन दिए और कोई विकेट नहीं लिया.
रविंद्र जडेजा एक बेहतरीन ऑलराउंडर हैं, और उनका बल्लेबाजी कौशल उन्हें हमेशा टीम में एक अहम खिलाड़ी बनाए रखेगा। लेकिन अगर उन्हें इंग्लिश परिस्थितियों में गेंदबाजी में अधिक प्रभावी बनना है, तो उन्हें अपने गेंदबाजी के तरीके में थोड़े बदलाव करने होंगे. गेंद की रफ्तार को नियंत्रित करके और उस पर अधिक स्पिन देकर वे फिर से अपने पुराने अंदाज़ में लौट सकते हैं — चाहे पिच भारतीय हो या विदेशी.