आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
सऊदी अरब ने वैश्विक फुटबॉल में अपनी पहचान बनाने के लिए अरबों डॉलर खर्च किए हैं.और सोमवार रात फ्लोरिडा में उनके समर्थकों को लगा कि उस निवेश का कुछ हिस्सा वसूल हो गया.सऊदी प्रो लीग की टीम अल-हिलाल ने मैनचेस्टर सिटी को 4-3से हराकर क्लब वर्ल्ड कप में तहलका मचा दिया.यह मुकाबला बेहद रोमांचक रहा.120मिनट के खेल के बाद अंत में जीत अल-हिलाल की झोली में गई.
संयुक्त राज्य अमेरिका में सोमवार की रातें आमतौर पर कुश्ती जैसे शो से जुड़ी होती हैं, लेकिन इस बार फुटबॉल ने ही सबसे बड़ा मनोरंजन दिया.ब्राजील के युवा स्ट्राइकर मार्कोस लियोनार्डो के निर्णायक गोल ने सिटी को टूर्नामेंट से बाहर कर दिया.पूर्व इंग्लिश विंगर एंड्रॉस टाउन्सेंड ने Dazn पर कहा, "अल-हिलाल ने दुनिया को चौंका दिया है."
इस ऐतिहासिक जीत के नायक लियोनार्डो के लिए यह भावनाओं से भरी रात थी.उन्होंने मैच के बाद अपनी मां को श्रद्धांजलि दी, जो पिछले दो महीनों से गंभीर बीमारी के चलते अस्पताल में थीं.उन्होंने कहा, "पिछले दो महीने मेरे लिए कठिन रहे हैं.मेरी मां 70दिनों तक ICU में थीं.आज वह ठीक हैं, भगवान का धन्यवाद.जब मैंने दो गोल किए, तो मैं उन्हीं के बारे में सोच रहा था.वह मैच देख पाईं, यही मेरे लिए सबसे बड़ी बात है."
अल-हिलाल के कोच सिमोने इंज़ागी ने भी इस जीत को अपने करियर का बड़ा मोड़ बताया.महज एक महीने पहले उन्होंने इंटर मिलान छोड़ा था, जब उनकी टीम को PSG ने 5-0से हराया था.नए क्लब में यह उनकी एक बड़ी उपलब्धि बन गई है.
उन्होंने कहा, "इस जीत का श्रेय पूरी तरह से खिलाड़ियों को जाता है, जिन्होंने मैदान पर दिल लगाकर खेला.हमें पता था कि सिटी को हराना एवरेस्ट चढ़ने जैसा है – वह भी बिना ऑक्सीजन के। लेकिन हमारे खिलाड़ियों ने कमाल कर दिखाया."
‘शायद अब लोग हमारी आलोचना बंद करें’
क्लब वर्ल्ड कप के नए प्रारूप को लेकर भले ही मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिल रही हों, लेकिन यह मैच जरूर यादगार बन गया.पहले हाफ में अल-हिलाल 1-0से पीछे थे, लेकिन उनके गोलकीपर बोनो की शानदार बचाव क्षमता ने उन्हें मुकाबले में बनाए रखा.
दूसरे हाफ में उन्होंने बढ़त भी बनाई, और भले ही सिटी ने दो बार वापसी की, अंत में मार्कोस लियोनार्डो का निर्णायक गोल उनके लिए ऐतिहासिक साबित हुआ.अंतिम सीटी बजते ही स्टाफ और खिलाड़ी खुशी से मैदान पर दौड़ पड़े.
स्टेडियम में मौजूद अल-हिलाल के समर्थक नीले झंडों और सऊदी झंडों को लहराते हुए गा रहे थे – "ओले ओले ओले।" प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल में सऊदी पत्रकार एक-दूसरे को गले लगाकर "माबरूक" (बधाई हो) कहकर भावविभोर हो उठे.
एक पत्रकार ने इसे "सऊदी फुटबॉल के इतिहास की सबसे बड़ी जीतों में से एक" बताया, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि 2022विश्व कप में अर्जेंटीना के खिलाफ 2-1की जीत अब भी शीर्ष पर रहेगी.
विश्व मंच पर सऊदी अरब की बढ़ती मौजूदगी
सऊदी अरब ने अपने फुटबॉल विकास के लिए £700मिलियन से अधिक खर्च किए हैं.क्रिस्टियानो रोनाल्डो को अल-नास्र में लाकर उन्होंने दुनिया को संकेत दे दिया था कि वे गंभीर हैं.अब 2034में विश्व कप की मेजबानी भी सऊदी अरब को मिलने जा रही है, जिसे लेकर FIFA के अध्यक्ष जियानी इन्फैंटिनो ने आलोचनाओं के बीच इसका बचाव किया है.
हालांकि, एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसे मानवाधिकार समूहों ने इसे "गैर-जिम्मेदाराना निर्णय" बताया है.सऊदी अरब को यह मौका बिना किसी प्रतिस्पर्धा के मिला, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने समय की कमी के चलते बोली नहीं लगाई.
"हमने दिखा दिया, हमारा लीग क्या कर सकता है"
अल-हिलाल के सर्बियाई मिडफील्डर सर्जे मिलिंकोविच-साविच, जो 2023में लाज़ियो से आए थे, ने कहा,"अब देखते हैं, क्या लोग हमें फिर भी आलोचना करेंगे.हमने दिखा दिया कि हमारा लीग भी मुकाबला कर सकता है – रियल मैड्रिड, साल्ज़बर्ग, पचुका और अब मैनचेस्टर सिटी के खिलाफ। हम आगे भी यही दिखाना चाहते हैं."
पूर्व चेल्सी डिफेंडर कालिदू कूलिबाली, जिन्होंने एक्स्ट्रा टाइम में गोल किया, ने कहा,"हम जानते थे कि यह मुकाबला कठिन होगा, लेकिन हम अपनी प्रतिभा दिखाना चाहते थे.हम खुश हैं कि हम साबित कर सके कि अल-हिलाल इस स्तर पर खेलने योग्य है."
यह जीत केवल एक फुटबॉल मुकाबला नहीं थी, बल्कि यह सऊदी अरब के फुटबॉल सपने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम थी – जिसने मैनचेस्टर सिटी जैसी महाशक्ति को झकझोर दिया.