आवाज़ द वॉइस | नॉर्थम्पटन
तनुष कोटियान और अंशुल कंबोज की शानदार अर्धशतकीय पारियों ने भारत ए को मजबूती दी, लेकिन इंग्लैंड लॉयन्स ने अंतिम दिन रक्षात्मक खेल दिखाकर मुकाबले को नीरस ड्रॉ में तब्दील कर दिया. इसी के साथ दो मैचों की अनौपचारिक टेस्ट श्रृंखला 0-0 की बराबरी पर समाप्त हो गई.
चौथे दिन भारत ए ने दूसरी पारी 7 विकेट पर 417 रन बनाकर घोषित की. तनुष कोटियान नाबाद 90 रन और अंशुल कंबोज नाबाद 51 रन के साथ अंत तक डटे रहे. दोनों ने 8वें विकेट के लिए 149 रनों की अविजित साझेदारी की, जिससे भारत ए ने मेज़बानों को जीत के लिए बड़ा लक्ष्य दिया.
भारत ए के लिए गेंद से भी कंबोज चमके। उन्होंने इंग्लैंड लॉयन्स की दूसरी पारी में महज़ 6 रन देकर 2 विकेट चटकाए और एमिलियो गे (5 रन) व जॉर्डन कॉक्स (0) को आउट कर मेजबान टीम को शुरुआती झटका दिया.
तुषार देशपांडे ने टॉम हेन्स (7 रन) को आउट कर भारत को पहली सफलता दिलाई थी. इंग्लैंड लॉयन्स ने दिन का खेल खत्म होने तक 3 विकेट पर सिर्फ 32 रन बनाए थे, जब मैच ड्रॉ घोषित किया गया.
इंग्लैंड लॉयन्स के बल्लेबाज़ों ने रन बनाने की बजाय समय बिताने पर ज़ोर दिया. जब खेल समाप्त हुआ तब बेन मैकिनी 16 रन और कप्तान जेम्स रेव बिना खाता खोले क्रीज़ पर थे.
कोटियान ने 108 गेंदों में 10 चौकों की मदद से 90 रनों की बेहतरीन पारी खेली. उन्होंने 74वें ओवर में अपना 16वां प्रथम श्रेणी अर्धशतक पूरा किया. वहीं कंबोज ने भी धैर्य और तकनीक का उम्दा मिश्रण दिखाया और थके हुए इंग्लिश गेंदबाजों का डटकर सामना किया.
दोनों अनौपचारिक टेस्ट ड्रॉ रहने के साथ यह स्पष्ट हो गया कि श्रृंखला में गेंदबाज़ों की तुलना में बल्लेबाज़ों ने अधिक प्रभाव डाला. अब selectors की नज़र कोटियान और कंबोज जैसे खिलाड़ियों पर रहेगी, जिन्होंने दबाव की स्थिति में न केवल संयम दिखाया, बल्कि भारत ए की संभावनाओं को मजबूती भी दी.