खेलेा इंडिया वाटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल 2025: साधारण परिवारों से निकले जम्मू-कश्मीर के खिलाड़ियों ने जीते चार पदक

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 24-08-2025
Khelo India Water Sports Festival 2025: Players from Jammu and Kashmir who come from ordinary families won four medals
Khelo India Water Sports Festival 2025: Players from Jammu and Kashmir who come from ordinary families won four medals

 

श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर)

डल झील के किनारे स्थित स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के वाटर स्पोर्ट्स सेंटर में प्रशिक्षण लेने वाले जम्मू-कश्मीर के खिलाड़ियों ने खेलेा इंडिया वाटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल (KIWSF) 2025 में शानदार प्रदर्शन किया। खिलाड़ियों ने 1 स्वर्ण, 2 रजत और 1 कांस्य पदक जीतकर जम्मू-कश्मीर को 28 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सातवां स्थान दिलाया।

संघर्ष और सफलता की कहानी

  • मोशिन अली (बढ़ई का बेटा) – K-1 1000 मीटर पुरुष कायाकिंग में स्वर्ण पदक

  • सजाद हुसैन (शिकारा चालक का बेटा) – C-2 500 मीटर कैनो स्लालम में रजत पदक

  • मुहम्मद हुसैन (सब्जी विक्रेता का बेटा) – C-2 500 मीटर पुरुष कैनोइंग में रजत और C-1 1000 मीटर कैनोइंग में कांस्य पदक

तीनों खिलाड़ियों की पारिवारिक स्थिति बेहद साधारण है। इसके बावजूद, उन्होंने मेहनत और SAI की मदद से राष्ट्रीय स्तर पर यह उपलब्धि हासिल की।

प्रशिक्षण और चुनौतियाँ

सभी खिलाड़ी SAI के नेहरू पार्क सेंटर में प्रशिक्षित होते हैं। सजाद ने बताया कि अक्सर कोच जुल्फ़कार अली भट उन्हें सुबह अभ्यास के बाद स्कूल छोड़ते थे। साधन-सुविधाओं की कमी के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी।

सजाद ने कहा, “हमारे पास संतुलित आहार लेने तक की सुविधा नहीं है। स्कूल के बाद मैं शिकारा चलाता या दिहाड़ी करता ताकि परिवार पर बोझ न बने।”मुहम्मद हुसैन ने कहा, “अगर SAI का यह सेंटर न होता तो हम आगे नहीं बढ़ पाते। प्रशिक्षण ने हमारी ज़िंदगी बदल दी। खेल ने हमें गलत रास्तों से दूर रखा।”

मोशिन अली ने भी माना कि परिवार की आर्थिक तंगी के बीच SAI की मदद के बिना स्वर्ण जीतना संभव नहीं था।

कोच की बात

कोच जुल्फ़कार अली भट ने कहा, “जम्मू-कश्मीर से आने वाले अधिकांश खिलाड़ी बेहद साधारण पृष्ठभूमि के हैं। इनमें से कोई भी अमीर घरानों से नहीं है। ये मेहनतकश परिवारों के बच्चे हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि भारत 2036 ओलंपिक की मेज़बानी की तैयारी कर रहा है। ऐसे में श्रीनगर में राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (National Centre of Excellence) की स्थापना ज़रूरी है, ताकि स्थानीय प्रतिभाओं को विश्वस्तरीय मंच पर चमकने का अवसर मिल सके।