आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज और अफगानिस्तान के मौजूदा मुख्य कोच जोनाथन ट्रॉट का मानना है कि टीमों को टेस्ट क्रिकेट को एक ही शैली में सीमित नहीं करना चाहिए और कहा कि इस प्रारूप की ताकत इसकी विविधता में ही निहित है।
उन्होंने इसके साथ ही कहा कि भारत का स्पिनरों के अनुकूल विकेट तैयार करने में कुछ भी गलत नहीं है। भारत ने हाल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ समाप्त हुई दो टेस्ट मैच की श्रृंखला में स्पिनरों की मददगार पिच तैयार की थी लेकिन उसका यह दांव उल्टा पड़ गया और दोनों मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा।
डीपी वर्ल्ड इंटरनेशनल लीग टी20 में गल्फ जायंट्स के मुख्य कोच ट्रॉट ने यहां मीडिया से कहा, ‘‘जब आप भारत जाते हैं तो आपको पता होता है कि गेंद स्पिन करेगी। आप श्रीलंका जाते हैं तो गेंद स्पिन करेगी। जब आप ऑस्ट्रेलिया जाते हैं तो गेंद तेज और उछाल वाली होगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप अचानक से कोई बड़ा मुकाम हासिल नहीं करना चाहते। यही बात क्रिकेट को इतना महान बनाती है। एक खिलाड़ी के तौर पर और अब एक कोच के तौर पर मेरे जैसे व्यक्ति के लिए अलग-अलग परिस्थितियों में कोचिंग करना और उत्कृष्ट प्रदर्शन करना सबसे बड़ी चुनौती होती है।’’
इंग्लैंड के इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में अलग-अलग शैली इस प्रारूप के लिए अच्छी साबित हो रही हैं।