नयी दिल्ली
भारत के पैरा एथलीट महेंद्र गुर्जर ने स्विट्जरलैंड के नॉटविल में आयोजित विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्री में भाला फेंक एफ42 वर्ग में नया विश्व रिकॉर्ड कायम कर इतिहास रच दिया. उन्होंने यह उपलब्धि 61.17 मीटर भाला फेंककर हासिल की और इस प्रदर्शन से स्वर्ण पदक भी जीता.
महेंद्र गुर्जर ने यह विश्व रिकॉर्ड अपने तीसरे प्रयास में बनाया. उनके पहले दो थ्रो 56.11 मीटर और 55.51 मीटर के थे, जबकि अंतिम तीन प्रयास क्रमशः 58.54 मीटर, 57.25 मीटर और 58.07 मीटर के रहे. 27 वर्षीय महेंद्र ने 2022 में ब्राजील के रॉबर्टो फ्लोरियानी एडेनिलसन द्वारा बनाए गए 59.19 मीटर के पुराने रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया.
एफ42 वर्ग उन एथलीटों के लिए निर्धारित होता है जिनके एक पैर की मूवमेंट मध्यम रूप से प्रभावित होती है, लेकिन वे बिना सहायक उपकरण के प्रतिस्पर्धा करते हैं.
इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ महेंद्र ने एफ40, एफ57, एफ63 और एफ64 जैसे अन्य वर्गों के खिलाड़ियों के साथ संयुक्त स्पर्धा में भाग लिया.. इस बारे में उनके कोच समरजीत सिंह माल्ही ने पीटीआई से बातचीत में बताया,“यह एक संयुक्त श्रेणी की प्रतियोगिता थी, जिसमें विभिन्न वर्गों के पैरा एथलीटों ने भाग लिया. महेंद्र ने एफ42 वर्ग में न केवल स्वर्ण जीता, बल्कि विश्व रिकॉर्ड भी अपने नाम किया.”
महेंद्र का यह दूसरा स्वर्ण पदक है इस ग्रां प्री में। इससे पहले 23 मई को उन्होंने लंबी कूद टी42 स्पर्धा में 5.59 मीटर की छलांग लगाकर भी पहला स्थान प्राप्त किया था। यह स्पर्धा उनकी लंबी कूद में पहली प्रतिस्पर्धा थी.
कोच माल्ही ने आगे बताया,“अब हमने भाला फेंक के साथ-साथ लंबी कूद पर भी ध्यान देना शुरू कर दिया है. यह महेंद्र की पहली लंबी कूद प्रतियोगिता थी और इस स्वर्ण के बाद वह टी42 वर्ग में एशिया के नंबर एक एथलीट बन जाएंगे.”
इसके साथ ही पैरा एथलेटिक्स में भारत की नई लहर को मजबूती मिली है, और महेंद्र गुर्जर जैसे खिलाड़ी दुनिया को दिखा रहे हैं कि संकल्प और तैयारी के साथ कोई भी मंच फतेह किया जा सकता है.