बुमराह का ‘तेज़ गेंदबाज़’ बनने का सफर: त्याग और संघर्ष की कहानी

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 24-08-2025
Bumrah's journey to becoming a 'fast bowler': A story of sacrifice and struggle
Bumrah's journey to becoming a 'fast bowler': A story of sacrifice and struggle

 

नई दिल्ली

भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार पेसर जसप्रीत बुमराह का कार्यभार प्रबंधन और सीमित मैचों में खेलना लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है। अक्सर कहा जाता है कि उनका असामान्य गेंदबाज़ी एक्शन उनके शरीर पर अतिरिक्त दबाव डालता है। लेकिन इस अनोखे एक्शन को बचाए रखने और तेज़ गेंदबाज़ बनने के लिए बुमराह को कम उम्र से ही बड़े त्याग करने पड़े।

भारत के पूर्व गेंदबाज़ी कोच भरत अरुण ने हाल ही में बताया कि बुमराह ने क्रिकेट में ऊँचाइयों तक पहुँचने के लिए अपने जीवनशैली और खान-पान में किस तरह बदलाव किए।

अरुण ने ‘बॉम्बे स्पोर्ट एक्सचेंज’ से बातचीत में याद किया कि,“बुमराह 2013 में अंडर-19 टीम के कैंप के लिए एनसीए आए थे। उस समय वह टीम में जगह नहीं बना पाए थे, लेकिन 30 सदस्यीय दल में शामिल थे। हम चाहते थे कि उनका बॉलिंग एक्शन बदलें ताकि उनकी गेंद की गति और बढ़ सके। नए एक्शन से तकनीक तो अच्छी हो गई थी, लेकिन गति बिल्कुल नहीं रह गई थी। तेज़ी के बिना उस एक्शन का कोई मतलब नहीं था।”

उन्होंने आगे कहा,“बुमराह की ख़ासियत उनकी रफ्तार थी। जैसे ही वह कम हो गई, मैंने फ़िज़ियो और ट्रेनिंग स्टाफ से चर्चा की और तय किया कि उनका मूल एक्शन ही बरकरार रखना चाहिए। यह एक्शन भले ही शरीर पर बोझ डालता हो, लेकिन वही उनकी ताकत थी।”

तेज़ गेंदबाज़ी के लिए बुमराह को अपने खान-पान और आदतों में बड़ा बदलाव करना पड़ा। अरुण के मुताबिक,“हमने उनसे साफ कहा कि तेज़ गेंदबाज़ बनने के लिए बैल जैसी ताक़त चाहिए। इसके लिए सख़्त डाइट, नियमित व्यायाम और त्याग ज़रूरी है। बुमराह ने तुरंत इसे स्वीकार किया। उन्होंने सही खानपान शुरू किया, रोज़ाना जिम जाने लगे और फिटनेस पर ध्यान केंद्रित किया।”

बुमराह का अनुशासन उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अरुण ने बताया,“विराट कोहली की तरह बुमराह भी फिटनेस के मामले में बेहद समर्पित थे। उन्हें बर्गर, पिज्जा और मिल्कशेक बहुत पसंद थे, लेकिन एक सफल क्रिकेटर बनने के लिए उन्होंने रातों-रात सब छोड़ दिया। एक पंजाबी लड़के के लिए गुजरात में रहना आसान नहीं था, लेकिन बुमराह के लिए क्रिकेट और गेंदबाज़ी, खाने-पीने की पसंद से कहीं ज़्यादा अहम थी।”