आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
भारतीय सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस (टाइनी) ढिल्लों ने शनिवार को पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान मुनीर खुद को बंकर में छिपा बैठे थे और सार्वजनिक जवाबदेही से बचने के लिए खुद को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत कर लिया.
ढिल्लों ने एएनआई से विशेष बातचीत में कहा, “एकमात्र सेना प्रमुख जो ऑपरेशन के दौरान बंकर में गया और एकमात्र सेना प्रमुख जिसने खुद को फील्ड मार्शल बना लिया ताकि सार्वजनिक जांच से बच सके। साथ ही वह अकेले सेना प्रमुख हैं जो राज्य प्रमुख के साथ एससीओ बैठक में गए और अमेरिकी राष्ट्रपति के बुलावे पर लंच में शामिल हुए. यही है पाकिस्तान की लोकतांत्रिक संरचना.
उन्होंने कहा, “द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया में पाकिस्तान एकमात्र सेना है जो कोई युद्ध नहीं जीत सकी। यह वही सेना है जिसने 93,000 सैनिकों को आत्मसमर्पण कराया.
लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों मार्च 2020 से जनवरी 2022 तक रक्षा खुफिया एजेंसी (डीआईए) के महानिदेशक और एकीकृत रक्षा स्टाफ (खुफिया) के उप प्रमुख रहे। वर्तमान में वे आईआईटी मंडी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरपर्सन हैं.
गौरतलब है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर को 20 मई को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया था, जो स्वतंत्र पाकिस्तान के पहले सेना प्रमुख और पूर्व राष्ट्रपति अयूब खान के बाद यह पद पाने वाले दूसरे व्यक्ति हैं. यह पदोन्नति भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक के 13 दिन बाद और संघर्षविराम समझौते के 10 दिन बाद हुई.
ढिल्लों ने आगे कहा कि “नए भारत” के कारण अब दूसरे देश भारतीय कार्रवाई पर सवाल नहीं उठाते। उन्होंने कहा, “पहलगाम हमले के जवाब में हमने जब नौ आतंकी ठिकाने ध्वस्त किए तो किसी ने सवाल नहीं किया। अमेरिका ने एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन को मार गिराया, तब भी किसी ने सवाल नहीं किया, क्योंकि अमेरिका अमेरिका था। आज हम भी वैसा ही नया भारत हैं.”
ढिल्लों ने कहा, “हर बार जवाबी कार्रवाई जरूरी थी और इस बार जवाबी कार्रवाई सटीक रही। हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, जल्द ही तीसरी बनेंगे। हम सैन्य शक्ति हैं, अब जब हम कुछ करते हैं तो लोग सवाल नहीं करते.