Governments should take action against those spoiling the atmosphere by leaving behind 'communal and hateful politics': Mayawati
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने देश में विभिन्न धर्मों के पूजास्थलों और महापुरुषों का अनादर करके माहौल खराब करने के 'राजनीतिक षड्यंत्र' पर चिंता जाहिर करते हुए रविवार को कहा कि मुल्क में अमन-चैन स्थापित करने के लिये सभी सरकारें 'साम्प्रदायिक और द्वेषपूर्ण राजनीति' छोड़कर ऐसी घटनाओं के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी रवैया अपनाएं।
मायावती ने यहां स्थित पार्टी मुख्यालय पर आयोजित दल की प्रदेश स्तर की एक अहम बैठक में पार्टी के जनाधार को ज़मीनी स्तर पर बढ़ाने के लिए ज़िले से लेकर बूथ स्तर की समितियों के गठन को लेकर चलाये गये अभियान की समीक्षा की।
पार्टी द्वारा यहां जारी एक बयान के मुताबिक बसपा प्रमुख ने बैठक में किसी का नाम लिये बगैर उत्तर प्रदेश तथा कई अन्य राज्यों में विभिन्न धर्मों के पूजास्थलों एवं उनके संतों, गुरुओं व महापुरुषों आदि का निरादर करके सामाजिक, साम्प्रदायिक एवं राजनीतिक हालात बिगाड़ने के राजनीतिक षडयंत्र पर गंभीर चिन्ता व्यक्त की।
बयान के अनुसार मायावती ने कहा, ''सभी सरकारों को संकीर्ण, जातिवादी, साम्प्रदायिक व द्वेषपूर्ण राजनीति का त्याग कर ऐसे आपराधिक तत्वों के प्रति कड़ा कानूनी रवैया अपनाते हुए कानून का राज स्थापित करना चाहिये, ताकि सभी लोग अमन-चैन से रोजी-रोटी कमा करके अपने परिवार का पालन-पोषण तथा शिक्षा की व्यवस्था ठीक तरीके से कर सकें।''
मायावती ने उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश के वर्तमान राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक हालात के सम्बंध में नई उभरती चुनौतियों से पार्टी के लोगों को आगाह भी किया।
उन्होंने कहा, ‘‘खासकर विरोधी पार्टियों द्वारा साम, दाम, दण्ड, भेद आदि हर प्रकार के हथकण्डे अपनाते हुए बसपा, बहुजन आंदोलन और उसके नेतृत्व को कमजोर करने का षडयंत्र लगातार जारी है ताकि दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर आधारित बहुजन समाज के लोगों को अत्यन्त कठिनाई से मिले उनके संवैधानिक व कानूनी अधिकारों से वंचित करके उन्हें लाचार और मजबूर बनाये रखा जाये तथा हर कीमत पर उन्हें शासक वर्ग बनने से रोका जाये।''
बयान के मुताबिक मायावती ने बैठक में पार्टी संगठन के गठन व पार्टी के जनाधार को ज़मीनी स्तर पर बढ़ाने के लिए ज़िला से लेकर बूथ स्तर की कमेटी के गठन को लेकर चलाये गये अभियान की समीक्षा के बाद लगभग 80 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बाकी बचे कार्य बसपा संस्थापक कांशीराम की नौ अक्टूबर को पुण्यतिथि पर होने वाले राज्यव्यापी कार्यक्रम के बाद शुरू किये जायेंगे।