शीरीन बानो / श्रीनगर
कश्मीर घाटी से ज्यादा से ज्यादा महिलाएं मुख्यधारा में आ रही हैं. यह विज्ञान सहित सभी क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं. जिस तरह से देशभर में महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, अब कश्मीर में भी देखने को मिल रहा है. वे दिन गए जब महिलाओं को बेड़ियों में जकड़ कर रखा जाता था. अब वह न सिर्फ कश्मीर बल्कि दुनिया भर में अपनी पहचान बना रही हैं.
कश्मीर के श्रीनगर की एक महिला ने एक अनोखा कारनामा कर दिखाया है. मशहूर माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ सुरय्या रहमान ने दुनिया भर के शीर्ष 2% शोधकर्ताओं में अपनी पहचान बनाई है, जिन्हें प्रसिद्ध वैश्विक प्रकाशन गृह एल्सेवियर द्वारा मान्यता दी गई है.
यह सम्मान न केवल सूक्ष्म जीव विज्ञान के क्षेत्र में डॉ. रहमान की उत्कृष्ट सेवाओं को स्वीकार करता है, वैज्ञानिकों, विशेषकर महिलाओं के लिए एक प्रेरणादायक रोल मॉडल के रूप में भी काम करता है.
अकादमिक प्रकाशन में अग्रणी एल्सेवियर ने प्रमुख वैज्ञानिकों का एक सार्वजनिक रूप से डेटा तैयार किया है, जो उद्धरण, एच-इंडेक्स, सह-लेखक-समायोजित एचएम-इंडेक्स और अधिक सहित विभिन्न मैट्रिक्स पर मानकीकृत जानकारी प्रदान करता है. इस सम्मानित सूची में डॉ. रहमान का शामिल होना वैज्ञानिक समुदाय पर उनके महत्वपूर्ण प्रभाव को दिखाता है.
डॉ सुरय्या रहमान वर्तमान में सऊदी अरब में इमाम अब्दुल रहमान बिन फैसल विश्वविद्यालय में अपनी सेवा दे रही हैं. उनकी जिंदगी का हर लम्हा शानदार है.उन्होंने वह कर दिखाया , जो अभी तक कश्मीर में किसी ने नहीं किया है.
डॉ. रहमान ने तीन किताबें लिखी हैं. कई अमेरिकी पेटेंट प्राप्त किए हैं. 100 से ज्यादा लेख लिखे हैं.उनके व्यापक शोध और विद्वतापूर्ण कार्यों ने सूक्ष्म जीव विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. खासकर कोविड-19 महामारी के चुनौतीपूर्ण में .
विशेष रूप से, डॉ. सुरय्या रहमान ने "कोरोनावायरस रोग 2019" पर अपने शोध के माध्यम से महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जो वैश्विक संकट के समय में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और वैज्ञानिक जानकारी देता है.
अपने काम के प्रति उनके समर्पण और प्रतिबद्धता ने महत्वाकांक्षी वैज्ञानिकों, विशेषकर युवा महिलाओं के लिए एक शानदार उदाहरण स्थापित किया है, उन्होंने मातृत्व और पारिवारिक जीवन की जिम्मेदारियों को संतुलित करते हुए उल्लेखनीय सफलता का प्रदर्शन किया है.
डॉ. रहमान का सफ़र न केवल उनके सहयोगियों के लिए प्रेरणा का काम करती है, वैज्ञानिक समुदाय में विविधता और समावेशन के महत्व पर भी रोशनी डालती है. वैश्विक शोधकर्ताओं के शीर्ष 2% के बीच उनकी मान्यता ज्ञान की खोज के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता और सूक्ष्म जीव विज्ञान में उनके महत्वपूर्ण योगदान का प्रमाण है.
कश्मीरी लोगों को अपनी बेटी की सफलता पर गर्व है. डॉ. रहमान की उपलब्धि निश्चित रूप से युवा छात्रों को सशक्त बनाएगी और उन्हें विज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगी.