हैदराबाद के शन्नू की माइक्रो फोटोग्राफी देखेंगे तो हैरान रह जाएंगे

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 28-07-2021
हैदराबाद के शन्नू की माइक्रो फोटोग्राफी देखेंगे तो हैरान रह जाएंगे
हैदराबाद के शन्नू की माइक्रो फोटोग्राफी देखेंगे तो हैरान रह जाएंगे

 

गिरिजा शंकर शुक्ला / हैदराबाद

तस्वीरें खींचना एक कला है. रही बात माइक्रो फोटोग्राफी की. इसे वही कर सकता है जिसे फोग्राफरी की समझ के अलावा आसपास की चीजों की गहरी जानकारी हो.हमारे इर्द-गिर्द बहुत सारी चीजें ऐसी होती हैं, जो अक्सर खुली आंखों से नहीं देखी जा सकतीं, लेकिन माइक्रो फोटोग्राफर की नजरों से यह बच नहीं पाती.
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हैदराबाद के दुर्गा शंकर की आंखों से भी यह चीजें नहीं बचतीं, क्यों कि वह हैं एक माइक्रो फोटोग्राफर. इनका न इस क्षेत्र में देश-दुनिया में न केवल नाम है. एक प्रमुख बहुराष्ट्रीय कंपनी में बतौर विश्लेषक काम भी करते हैं.
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हैदराबाद में शन्नू नाम से लोकप्रिय दुर्गा शंकर प्रकृति के छोटे-छोटे अजूबों को अपने कैमरे में कैद करने के माहिर हैं. वह भी अपने मोबाइल से.सोशल मीडिया पर शन्नू पिक्सेल के रूप में काफी लोकप्रिय हैं. कई दुर्लभ प्रजातियों को कैमरे में कैद करने के उनके प्रयासों ने दुनियाभर में उनके चाहने वालों की बड़ी फौज खड़ी कर दी है.

पिछले साल ब्राइटसाइड पत्रिका द्वारा ‘प्रकृति’ शीर्षक से उनके 20 आश्चर्यजनक क्लिक को सूचीबद्ध किया है. शन्नू के कार्यों को कई प्रसिद्ध साइटें भी प्रकाशित कर चुकी हैं. प्रकृति, रेडिट, आइंस्टीन फीड, इफ हाई, ब्लोइंग अप हिस्ट्री, बोर्ड पांडा शीर्षक से उनकी कई तस्वीरें बीबीसी वाइल्डलाइफ मैगजीन में प्रकाशित हो चुकी हैं.

शन्नू माइक्रो फोटोग्राफी के लिए रेडमी 20 प्रो स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं. इसके लिए वह अपने मोबाइल में माइक्रो लेंस, प्रोसेसर ग्लो वी2 का इस्तेमाल करते हैं, ताकि सुक्ष्म प्रजातियों को कैप्चर किया जा सके, जो आमतौर से नग्न आंखों से नहीं देखे जा सकते.

शन्नू कहते हैं, हमारे वन्यजीव अभयारण्य दुर्लभ, सुंदर और मायावी प्रजातियों के घर हैं, जो प्रकृति के साथ सद्भाव बना रखते हैं.’हैदराबाद में जन्मे और उस्मानिया विश्वविद्यालय से स्नातक, शन्नू की माइक्रो फोटोग्राफी ‘माॅर्निंग क्लॉक बटरफ्लाई एग’ के कारण पहली बार चर्चा में आई थी. यह प्रजाति आमतौर पर केवल उत्तरी अमेरिका में पाई जाती है.

रेडमी इंडिया मोबाइल्स के पूर्व ब्रांड एंबेसडर और कंटेंट क्रिएटर शन्नू कहते हैं कि मुझे प्रकृति, विशेष रूप से कीड़ों से प्यार है. यही कारण है कि मैंने माइक्रो फोटोग्राफी को चुना. अपने मोबाइल के लिए माइक्रो लेंस लगाया और हैदराबाद में विभिन्न प्रकार के कीड़ों को कैमरे में कैद करना शुरू किया.

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प्रारंभ में इन छोटी प्रजातियों का पता लगाने और कैमरे से उन्हें क्लिक करने में कई तरह की कठिनाईयों का सामना करना पड़ा. धीरे-धीरे इसके तरीके सीखे. माइक्रो फोटोग्राफी की विभिन्न तकनीकों और नियमों को समझा.

उन्होंने बताया, माइक्रो मोबाइल फोटोग्राफी को चुनने का कारण यह है कि यह अद्वितीय है. यह फोटोग्राफी की दुनिया में सबसे कठिन कलाओं में एक है. एक परफेक्ट माइक्रो शॉट लेने के लिए हमें बहुत धैर्य से काम लेना होता है.

शन्नू कहते हैं, अब वे कीड़ों और उनके परिवारों के नामों से अच्छी तरह वाकिफ हो चुके हैं. कीट विज्ञान भी सीख रहे हैं. कीड़ों के प्रजन्न के ब ारे में समझने लगे हैं. शन्नू ने अपने कैमरे से स्मॉल कारपेंटर बी, जिप्सी मोथ, सदर्न स्टिंक बग, डैम सेल्फी, बटरफ्लाई, स्क्वैश बग एग आदि कैप्चर किए हैं.

शन्नू इन दृश्यों को कैद करने के लिए दुर्गम चेरुवु, अमीनपुर झील, उप्पल और विकाराबाद के जंगलों का हमेशा दौरा करते रहते हैं.

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