शगुफ्ता नेमत / नई दिल्ली
यदि आप दिल्ली के आईटीओ से पुल पार कर लक्ष्मीनगर जा रहे हैं तो आपको अपनी बायीं ओर यमुना नदी किनारे मुस्लिम बहुल सोसायटी ‘ताजएनक्लेव नजर आएगी ’. इस बार पर्यावरण दिवस को लेकर यहां रहने वालों में खासा उत्साह है. कैसे उनकी सोसायटी का वातावरण साफ रहे, क्षेत्र हरा-भरा दिखे, इसके लिए यहां रहने वाले बूढ़े से लेकर बच्चों ने एक खास अभियान चलाया. इनमें उत्साह भरने का काम किया पर्यावरण संरक्षण को लेकर अभियान चलाने वाली संस्था ‘WORK’ ने.
पर्यावरण के मामले में अभी दिल्ली की दशा बहुत खराब है. दुनिया के प्रदूषित शहरों में इसकी गिनती होती है. दिल्ली की अत्याधिक प्रदूषित वातावरण में पैदल चलने वाले कुछ कम चलते ही हांपने लगते हैं. इन परिस्थितियों में देश की राजधानी में रहने वाले अब समझने लगे हैं कि यदि अपने आसपास के वातावरण को शुद्ध नहीं किया तो उनका जीना मुहाल हो जाएगा.
ताज एनक्लेव में रहने वाले भी अब यह समझने लगे हैं, इसलिए पर्यावरण दिवस आने से पहले ही अपने इलोक में व्यापक अभियान चलाया. इसमें हिजाब, बुर्का पहने महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल हुईं.
यमुना नदी के निकट स्थित ‘ताज एनक्लेव में WORK संस्था की पहल पर पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूकता किया गया. बच्चों द्वारा जगह जगह पोस्टर लगाए गए. पर्यावरण सुरक्षा से संबंधित पोस्टर प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं. वृक्षारोपण किए गए, जिसमें बच्चे-बूढ़े, सभी ने भागीदारी निभाई.
बच्चों में पर्यावरण सुरक्षा से संबंधित स्लोगन लिखे राखी बनवाए गए, जिन्हंें पेड़ों पर बांधकर उनकी सुरक्षा का प्रण लिया गया. साथ ही जागरूकता रैली भी निकाली गई, जिसमें सोसायटी और आसपास के लोगों ने शिरकत की.
इन सारी गतिविधियों के पीछे मुख्य भूमिका निभाने वाली डा फरजाना कहती हैं,‘‘ पर्यावरण के प्रति भी हमारी कुछ जिम्मेदारियां हैं जिन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता.’’
वह आगे कहती हैं, ‘‘धर्म कोई भी हो, सबकी शिक्षा केवल एक ही है. अपने उत्तरदायित्व को समझते हुए परिवार, समाज तथा देश से तालमेल बनाए रखना. इस्लाम के आखिरी पैगंबर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने कहा है, यदि “कोई पेड़ लगाता है और उसकी देखभाल करता है तो अल्लाह उसके लिए जन्नत में एक पौधा लगा देता है.“
कुछ बातें ‘WORK’ के बारे में
आज जबकि संपूर्ण वातावरण कराह रहा है. ऐसे में इसकी सिसकियां सुन कर सामाजिक संस्थाएं पर्यावरण संरक्षण पर काफी काम कर रही हैं. ऐसी संस्थाओं में से एक है WORK. यह संस्था लंबे समय से अनेक गतिविधियों के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों को जोड़ने के साथ पर्यावरण संरक्षण पर काम कर रही है.
इसके संस्थापक हैं सैयद अब्दुल्लाह तारिक. इनकी संस्था से हजारों कार्यकर्ता जुड़े हुए हैं और निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं. विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर इस संस्था के कार्यकर्ताओं ने केवल दिल्ली के ताज एनक्लेव में ही नहीं, देश के अलग-अलग शहरों में भी स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए अभियान चलाया.
पर्यावरण दिवस के मौके पर अब्दुल्लाह तारिक ने कोसी नदी का दौरा किया और इसकी सुरक्षा को लेकर लोगों में जागृति फैलाई.
अंत में एक शेर--
वह नदियों की शोख अदाएं
वह पौधों की स्वच्छ हवाएं
वह माटी की सौंधी खुशबू
क्यों न उसमें रच-बस जाएं
भारत में खुशहाली लाएं
खुशबू बन जग में छा जाएं
(लेखिका पेशे से टीचर हैं.)