गौस सिवानी / नई दिल्ली
भगवान के अपने देश केरल में कोडिनिही सबसे बड़े अनसुलझे रहस्यों में से एक है मल्लापुरम जिले का गैर-वर्णित गाँव, जिसमें पैदा हुए सबसे अधिक जुड़वाँ बच्चों का घर है.
2,000 परिवारों की आबादी वाले गांव में कम से कम 400 जोड़े जुड़वां बच्चे हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2008 में गांव में 280 जोड़े जुड़वां थे और दस वर्षों में यह आंकड़ा केवल 400 हो गया.
गांव के प्रवेश द्वार पर साइन बोर्ड
यह 1000 जन्मों में 9 से कम के राष्ट्रीय औसत से बहुत आगे है, कोडिन्ही में यह संख्या 1,000 जन्मों में 45 के बराबर है. पैदा हुए जुड़वा बच्चों की पांच गुना अधिक दर निश्चित रूप से एक ऐसी घटना है, जिसने जीव विज्ञानियों को हैरान कर दिया है.
गाँव में घूमने से आपको हमेशा एक जैसे चेहरे दिखाई देंगे. ये अजीबोगरीब गांव है, जहां हर परिवार में जुड़वां बच्चे होते हैं.
कुछ जुड़वां एक साथ पोज देते हुए
स्थानीय लोगों को लगता है कि यह भगवान का आशीर्वाद है कि जब भी कोई महिला गर्भवती होती है, तो उसे उम्मीद होती है कि उसके जुड़वां बच्चे होंगे. गांव इस दिलचस्प घटना की महिमा के तहत चल रहा है, क्योंकि सरकार ने गांव के प्रवेश द्वार पर ‘भगवान के अपने जुड़वां गांव, कोडनिही में आपका स्वागत है’ नाम का माइल स्टोन रखा है.
द न्यू मिनट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने जुड़वा बच्चों के डीएनए का अध्ययन करने के लिए लार और बालों के नमूने एकत्र किए थे. यह वैज्ञानिक अध्ययन दक्षिण वियतनाम से हंग हाइप में हंग लोक कम्यून, नाइजीरिया में इग्बो-ओरा और ब्राजील में कैंडिडो गोडोई की आबादी पर समान अध्ययनों के साथ किया जा रहा है, जहां जुड़वां जन्मों की संख्या अधिक है.
परिवारों में जुड़वां बच्चेएक साथ पोज देते हुए
अध्ययन अनिर्णायक रहते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह आनुवंशिक संयोग हो सकता है. इस घटना के पीछे गांव की हवा या पानी में किसी खास तत्व के होने की अटकलें हैं.
भारत में अपनी तरह की एकमात्र संस्था ट्विन्स एंड किन्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पी भास्करन का कहना है कि कोडिनिही के लोग अब यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि उनके गांव में इतने जुड़वा बच्चे क्यों पैदा होते हैं.
कोडिनिह के जुड़वां बच्चे
जुड़वां बच्चों के जन्म से इस गांव की आबादी में भी तेजी से इजाफा हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि महिला के जुड़वा बच्चों के जन्म की अधिक संभावना के कारण, उन्हें अपने परिवार की योजना उसी के अनुसार बनानी होगी.
कुछ समय के लिए यह गाँव भारत का एकमात्र गाँव होने के कारण पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी बन गया है, जहाँ अधिकांश जुड़वाँ बच्चे हैं.