आवाज द वाॅयस / मक्का
हज के मौसम में पवित्र मस्जिद की परंपरा का पालन करते हुए काबा का गिलाफ उठाने की तैयारी पूरी कर ली गई है. वेब न्यूज ‘सबक’ के मुताबिक, काबा के गिलाफ को तीन मीटर ऊपर उठाया जाता है और फिर गिलाफ को एक विशेष सूती सफेद कपड़े में लपेटा जाता है.
काबा के गिलाफ को चारों तरफ से उठाया जाता है. इस प्रक्रिया में, विशेष डोरियों का उपयोग किया जाता है, जिसके साथ काबा के गिलाफ को उठाया और बांधा जाता है.
रमजान और हज के मौसम में काबा का गिलाफ उतार दिया जाता है.
इस संबंध में हरम प्रशासन ने कहा कि काबा के गिलाफ को सुरक्षित रखने के लिए रमजान और हज के पवित्र महीने के दौरान इसे उठाया जाता है, क्योंकि इन दिनों दुनिया भर से लाखों उमराह तीर्थयात्री और तीर्थयात्री पवित्र में आते हैं. इसे ब्लेड या कैंची से काटा जाता है, इसलिए इन अवसरों पर आवरण को ऊपर उठाया जाता है.
काबा के गिलाफ को ऊपर उठाने का दूसरा कारण यह है कि हज यात्री उसका बोसा लेते हैं, जिससे गिलाफ गंदा हो जाता है.
साल में दो बार काबा के गिलाफ को उठाने की प्रक्रिया वर्षों से चली आ रही है और यह एक तरह से परंपरा का हिस्सा बन गया है. इसलिए हर साल इसका अभ्यास किया जाता है.
काबा के गिलाफ को उठाने के लिए विशेष दल होते हैं, जिसमें 50 से अधिक लोग भाग लेते हैं, जबकि इस उद्देश्य के लिए एक विशेष सीढ़ी भी आरक्षित है.