आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
गर्मी के इस मौसम में लीची की पैदावार कुछ कम देखी गई है। ऐसे में बाजारों में इसकी मांग बहुत ज़्यादा है, लेकिन आपूर्ति सीमित। लाल और मोटे आकार वाली लीचियां किसी को भी आकर्षित कर सकती हैं, लेकिन हमेशा ये अच्छी और सुरक्षित हों – यह ज़रूरी नहीं। यही कारण है कि इस समय रसदार लीची ऊंचे दामों पर बिक रही है और कई बार खरीदार धोखे का शिकार भी हो जाते हैं। अनुभवी गृहिणियों के अनुसार, कुछ आसान बातों का ध्यान रखकर आप न सिर्फ अच्छी लीची पहचान सकते हैं, बल्कि नकली या रसायनयुक्त लीची से भी बच सकते हैं।
रंग को समझें, धोखा न खाएं
अच्छी लीची केवल लाल नहीं होती। असली और स्वादिष्ट लीची में हरे और लाल रंग का मेल होता है। पूरी तरह से चमकदार लाल लीची अक्सर कृत्रिम रंग से रंगी होती है। इसलिए केवल रंग देखकर प्रभावित न हों।
गीले टिश्यू से करें टेस्ट
अगर संभव हो तो लीची खरीदने से पहले एक गीले टिश्यू से उसे हल्के से रगड़ें। अगर रंग उतरने लगे या टिश्यू का रंग बदल जाए, तो समझ लें लीची पर कृत्रिम रंग चढ़ाया गया है। ऐसी लीची को न खरीदें।
छिलका हो पतला
एक अच्छी लीची का छिलका पतला और मुलायम होता है। अगर छिलका मोटा है, तो अंदर का स्वाद अपेक्षाकृत फीका हो सकता है।
गूदा हो सफेद और रसीला
लीची का गूदा सफेद, चमकदार और रसीला होना चाहिए। अगर गूदा हल्का गुलाबी या लाल हो तो यह रसायनों का संकेत हो सकता है। खासकर वे लीचियां जो बहुत जल्दी पकती हैं या कृत्रिम रूप से पकाई जाती हैं, अंदर से रंग बदलने लगती हैं।
रसायनों से पकाई गई लीचियों में हाइपोग्लाइसीन ए और मेथिलीन साइक्लोप्रोपाइल ग्लाइसिन (MCPG) जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं।
शरीर में अचानक शुगर लेवल गिर सकता है
बुखार, उल्टी और सिरदर्द की शिकायत हो सकती है
पेट में संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है
कुछ मामलों में यह जानलेवा भी साबित हो सकती है
भरोसेमंद विक्रेता से ही लीची खरीदें
बहुत चमकदार लीची से बचें
बच्चों को देने से पहले लीची अच्छे से धो लें और जांच लें
शक होने पर लीची का सेवन न करें
स्वाद के साथ सुरक्षा भी ज़रूरी है। इस सीज़न में लीची का आनंद लें लेकिन सतर्कता और समझदारी के साथ। अपने परिवार की सेहत के साथ कोई समझौता न करें।