मुंबई बड़ा कब्रिस्तानः लाॅकडाउन में कराया ढाई हजार हिंदू-मुसलमानों का संस्कार, फिर हुआ सक्रिय

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 05-03-2021
शोएब खतीब और उनकी टीम ने बड़े कब्रिस्तान में 982 मुस्लिमों को दफनाया
शोएब खतीब और उनकी टीम ने बड़े कब्रिस्तान में 982 मुस्लिमों को दफनाया

 

अनु आर्य / मुंबई

कोरोना एक ऐसी आपदा है, जिसने न जाने कितने ऐसे दिन दिखाए, जिनकी किसी ने कभी कल्पना भी नहीं की थी. हमने जिन चीजों के बिना जीने की कल्पना नहीं की थी, हमने उन चीजों के बगैर महीने गुजार डाले. आस-पास जब हर तरफ दुःख और डर का मंजर फैल रहा था, उसी वक्त कुछ इंसानों के सबसे प्यारे चेहरे नजर आए.

कुछ समुदायों के लोगों ने अपने धर्म और मजहब से ऊपर उठकर समाज के लिए, मुश्किल में फंसे लोगों के लिए काम करने की ठानी.  ऐसे ही एक सच्चे मददगार के रूप में मुंबई के जुम्मा मस्जिद ट्रस्ट के इंचार्ज और मलाड के बड़े कब्रिस्तान के संयोजक शोएब खतीब उभरे. कोरोना के उस मुश्किल दौर में, जब कोरोना मरीज के अपने लोग उसका साथ बीमारी फैलने के डर से छोड़ रहे थे या कुछ कोरोना मरीज के अंतिम संस्कार में शामिल होने से हिचक रहे थे.

उस वक्त में शोएब खतीब ने तय किया कि वो उन सब लोगों की मदद करेंगे, जिनकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आ रहा.आवाज-द वॉयस से बात करते हुए खतीब कहते हैं कि जब कोरोना अपने पूरे शबाब पर था और मुंबई में सबसे ज्यादा कोरोना पेसेंट्स की मौत हो रही थी, तब बीएमसी ने ये फैसला सुनाया कि सभी कोरोना मरीजों को जलाया जाएगा.

चाहे वो किसी भी कौम से क्यों न हो. हम कोरोना फैलने का रिस्क नहीं ले सकते. एक मुस्लिम मरीज की मौत हुई, तो उसे जलाया भी गया. इसकी खबर जैसे ही शोएब खतीब और जुम्मा मस्जिद ट्रस्ट से जुड़े बाकी के लोगों को मिली, उन्होंने बीएमसी से मुलाकात करने का फैसला लिया.मुंबई में अब कोरोना के नए फैलाव को देखते हुए बड़ा कब्रिस्तान ने पहले से व्यापक इंतजाम किया है.

982 कोरोना मरीजों को दफनाया

शोएब ने अपने बाकी के साथियों के साथ मिलकर बीएमसी के अधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें यकीन दिलाया कि वो सभी कोरोना मरीजों को दफनाएंगे और इसके लिए वो किसी भी तरह की आर्थिक सहायता नहीं चाहते हैं. अस्पताल से मृतक के शरीर को कब्रिस्तान तक लाने के लिए वो एंबुलेंस भी अपनी भेजेंगे.

बीएमसी को किसी तरह से कोई परेशानी उठानी नहीं पड़ेगी. बीएमसी के अधिकारी शोएब और उनकी टीम की बातों से राजी हो गए और उसके बाद से बड़े कब्रिस्तान में कुल 982 कोरोना मरीजों को दफनाया जा चुका है.

250 से ज्यादा हिंदुओं का भी दाह-संस्कार

सिर्फ इतना ही नहीं शोएब बताते हैं कि जब उन्होंने मुस्लिम मरीजों की मौत के बाद उन्हें कब्रिस्तान में दफनाना शुरू किया, तो मुंबई के बाकी के अस्पताल भी उन्हें कान्टैक्ट करने लगे, दूसरे समुदाय के मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए. तब शोएब और उनकी टीम ने मिलकर ये तय किया कि वो हिंदू मृतकों को भी आस-पास के शमशान में पहुंचाएंगे. इसके लिए उन्होंने अलग से एंबुलेंस का इंतजाम किया. लगभग 250 से ज्यादा हिंदू कोरोना पेसेंट की मौत के बाद उनकी टीम ने उन हिंदू मृतकों का दाह-संस्कार किया है.

पिछली बार से ज्यादा इंतजाम

अब जब एक बार फिर से मुंबई कोरोना की चपेट में आ रहा है, तो शोएब बताते हैं कि उनकी टीम पूरी तरह से तैयार है लोगों की मदद में लिए. पिछली बार उन्होंने हजारों पीपीई किट और कई ऑक्सीजन सिलेंडर बांटे थे अस्पतालों को. इस बार उससे कहीं ज्यादा चीजों का इंतजाम उन्होंने कर रखा है।

corona_shoeb_f

शोएब खतीब 


लेकिन शोएब अपनी बात को खत्म करते हुए कहते हैं कि अल्लाह, न करे कि किसी की भी मौत कोरोना से हो. सब हिफाजत से रहें यही दुआ है.