कौसानी (बागेश्वर) . बसंत के आगमन के साथ ही पहाड़ों में बुरांश खिलने लगा है. ठंडे इलाकों की पहाड़ियां बुरांश के फूलों से महक उठी हैं. ठंडे इलाकों में अमूमन बुरांश फरवरी से खिलने लगता है. बुरांश के फूलों से जूस बनाया जाता है जो कि काफी हेल्दी होता है.
मार्च में बुरांश के पेड़ रंग बिरंगे फूलों से लद जाते हैं. इन दिनों कौसानी के जंगलों में बुरांश बहुतायत में देखा जा सकता है. पहाड़ में अमूमन लाल और गुलाबी बुरांश पाया जाता है. जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र से सटे इलाके कीमू समेत तमाम इलाकों में नीला और सफेद बुरांश भी पाया जाता है.
बुरांश के फूल अप्रैल तक जंगलों में पाए जाते हैं. जिले के कपकोट के कर्मी, बदियाकोट, लीती, गोगिना, हॉम्टीकापड़ी, सीरी, नौकोड़ी, कालापैरकापड़ी, धरमघर, कमेड़ीदेवी, विजयपुर, बिगुल समेत तमाम जगह इन दिनों बुरांश के फूल जंगलों की शोभा बढ़ा रहे हैं.
जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि बुरांश के फूल फरवरी में खिल जाते हैं. मार्च-अप्रैल तक बुरांश के पेड़ों में फूल रहते हैं.