बिहारः पूर्णिया में मस्जिद से शुरू हुआ है दहेज के खिलाफ अभियान

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 06-03-2022
दहेज के खिलाफ पूर्णिया में पहल
दहेज के खिलाफ पूर्णिया में पहल

 

सुल्ताना परवीन/ पूर्णिया

इस्लाम में दहेज उतना ही हराम है जितना कि शराब और सूद. इसे बदतरीन सूद कहा गया है. इस सामाजिक बुराई के कारण बेटियां खुद को मां-बाप पर बोझ समझती हैं और नौबत यहां पर आ जाती है कि बेटियां खुदकुशी तक कर लेती हैं. अब बिहार के पूर्णिया जिले के कुछ लोग सामने आएं हैं जो लोगों को दहेज को लेकर आम लोगों को जागरूक करने की मुहिम शुरू कर रहे हैं.

4 मार्च 2022 को शुक्रवार के दिन पूर्णिया के दो मस्जिद लाइन बाजार के सज्जादिया मस्जिद और खजांची के जामा मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान मस्जिद के इमाम ने लोगों को दहेज के खिलाफ खड़ा होने के लिए कहा. इमाम ने नमाज से पहले लोगों को दहेज की बुराई के बारे में बताया. दोनों ही इमाम ने कहा कि जिस तरह इस्लाम में सूद और शराब हराम है उसी तरह दहेज के रूप में पैसा लेना भी हराम है.

इस्लाम में दहेज के लिए जगह नहीं :

पूर्णिया के मेडकिल हब लाइन बाजार स्थित सज्जादिया मस्जिद के इमाम मुफ्ती खालिद नदीम ने जुमे की नमाज के दौरान लोगों से कहा कि इस्लाम में दहेज के लिए कोई जगह नहीं है. यह हराम है. उन्होंने कहा कि जुमे की नमाज से पहले उनके पास एक बेवा औरत आई और मदद मांगने लगी. उसने अपनी रूदाद सुनाते हुए कहा कि उसकी बेटी शादी के लायक है लेकिन पैसे की कमी के कारण वह अपनी बेटी की शादी नहीं कर पा रही हैं.

उसने बताया कि जहां भी शादी की बात होती है लड़के वाले दहेज मांगते हैं. खालिद नदीम कहते हैं कि उस औरत की कहानी ने उनको प्रेरित किया कि अब वह नमाज के दौरान अपने खुतबे में दहेज की बुराई लोगों के सामने रखें और उनसे अपील करें कि दहेज न लें और न दें. लोगों से ये भी कहें कि ऐसी शादी में न जाएं जो दहेज लेकर की जा रही हो.

इस्लाम में दहेज को बदतरीन सूद

पूर्णिया खजांची जामा मस्जिद के इमाम वहीदुज्जमा ने बताया कि उनके जेहन में बहुत दिनों से बात चल रही थी कि लोगों को दहेज के खिलाफ जागरूक करेंगे ताकि यह बुराई समाज से खत्म हो सके. चार मार्च को उन्होंने जामा मस्जिद में इमामत करते हुए जुमे की नमाज के दौरान लोगों से कहा कि इस्लाम ने दहेज को बदतरीन सूद कहा है. इस सामाजिक बुराई के कारण कितनी ही बेटिया खुद को मां बाप पर बोझ समझती हैं और शादी नहीं होने के कारण खुदकुशी कर लेती हैं. दहेज एक नासूर है जो समाज को खोखला कर रहा है.

उन्होंने जुमे की नमाज के लिए आए नौजवानों से कहा कि आप दहेज लेने से इनकार करें. ये हराम है. हराम चीज गंदगी होती है और गंदगी कभी भी अच्छी नहीं हो सकती है. हराम चीज कभी पनपती नहीं है. उन्होंने कहा कि अब वो हमेशा नमाज के दौरान लोगों को दहेज को लेकर जागरूक करेंगे.

15 साल से दहेज वाली बारात में नहीं होते हैं शामिल

कुल्हैया डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन के सचिव तनवीर मुस्तफा पिछले 15  साल से उस लड़के के बारात में शामिल नहीं होते हैं, जो दहेज लेकर शादी करता है. दहेज देकर होने वाली बेटी की शादी में जाते जरूर है लेकिन वहां पर खाने से परहेज करते हैं. उन्होंने कहा कि अब वह इस मुहिम में दूसरों को शामिल करेंगे. लोगों से अपील करेंगे कि ऐसी में शादी में शामिल न हों जिसमें दहेज के लेन-देन की बात का पता चले. उन्होंने कहा कि वह शहर के उलेमाओं से बात करेंगे और कहेंगे कि ऐसी शादी में निकाह न पढ़ाएं जो दहेज ले या देकर की जा रही हो.

तनवीर मस्तफा कहते हैं कि वो हर संभव प्रयास करेंगे कि समाज से इस बुराई को खत्म किया जाए. अगर ऐसा हो जाए तो गरीबों का सबसे अधिक भला होगा. गरीब की बेटी शादी भी समय पर हो सकेगी.

शहर के उलेमाओं की जल्द बुलाई जाएगी बैठक

सज्जादिया मस्जिद के इमाम मुफ्ती खालिद नदीम कहते हैं कि वह दहेज के खिलाफ शुरू किए गए इस मुहिम में शहर के उलेमाओं को भी जोड़ेंगे और जल्द ही उलेमाओं की बैठक बुलाएंगे. जिसमें वह लोगों से कहेंगे कि दहेज के खिलाफ मुहिम को मजबूत करना है.

ऐसी शादी में नहीं जाएंगे जो शादी दहेज ले या देकर हो रही हो. हर हाल में इस बीमारी से समाज को मुक्त करेंगे और अपनी लड़ाई को तेज करेंगे.