काबुल. अमेरिका की वापसी का अफगानिस्तान पर क्या रंग पड़ेगा, इसका अंदाजा लगाना अब मुश्किल नहीं है. पूरे देश में खौफ का माहौल है, हर कोई डरा हुआ है. तालिबान के सत्ता में आने की संभावना के बाद अमेरिकी सेना ने भगदड़ का माहौल बना दिया है. अब आ रही खबरों के मुताबिक तालिबान के कब्जे वाले इलाके में बुर्का काफी महंगे हो गए हैं.
तालिबान ने पिछले हफ्ते तखर के अधिकांश पूर्वोत्तर प्रांत पर कब्जा कर लिया है और प्रांत के लगभग 16 जिलों में पैर जमा लिया है. तालिबान के जमाने की पाबंदियां लौट आई हैं और हर तरफ खौफ का माहौल फैल गया है.
तालोकान में, सामिन हुसैनी तखर में स्थानीय रेडियो स्टेशन हम सदा की निदेशक हैं. उनकी कंपनी के सभी 12 कर्मचारी और निदेशक महिलाएं हैं. उनके अधिकांश कार्यक्रम महिलाओं को शिक्षित करने के उद्देश्य से हैं.
सामिन ने द इंडिपेंडेंट को बताया, “16 जिलों में से, तालोकान केवल सरकारी नियंत्रण में है.”
तालिबान ने प्रतिबंध लगाए हैं और ऐसे मानक तय किए हैं जिन्हें लोगों को स्वीकार करना चाहिए. उदाहरण के लिए महरम के बिना महिलाएं कहीं नहीं जाएंगी.
महरम यानि कन्या की दृष्टि से ऐसा व्यक्ति, जिससे उसका विवाह न हो सकता हो. परिवार का वह सदस्य, जिनका आपस में शादी करना प्रतिबंधित है. यानि बाप या भाई या फिर पति.
सामिन हुसैनी कहती हैं, “मेरे कई जिलों में कई लोगों के संपर्क हैं. उन्हें उम्मीद है कि मौजूदा स्थिति अस्थायी है. मैं लोगों से कहती हूं कि इन स्थितियों में सावधान रहें. महिलाएं घर की दीवारों में बंद हैं. बीमार औरतें तब तक घर से निकलने की हिम्मत नहीं करतीं, जब तक कि बीमारी तेज न हो जाए और महरम साथ न हो. बुर्का के दाम बढ़ गए हैं. बुर्का नहीं पहनने वाली लड़कियां बुर्का खरीदने की सोच रही हैं. बुर्का की कीमत 700 अफगानियों से बढ़कर 1,500 अफगानी हो गई है.”