आज समझ नहीं आ रहा कि अदार को पूनावाला कहें या कोविशील्डवाला. इस महामारी में उनका योगदान ही इतना है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (सीआईआई) के सीईओ अदार पूनावाला कोविशील्ड वैक्सीन का निर्माण करने के बाद किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं, लेकिन पुणे के लोगों के बीच वह ‘क्लीन सिटी इनीशिएटिव’प्रोग्राम के कारण पहले ही बहुत मशहूर हो चके हैं. जनवरी, 2015 में पुणे को साफ रखने के लिए उन्होंने 100 करोड़ की लागत से यह प्रोजेक्ट शुरू किया था, जिसे ‘अदार पूनावाला क्लीन सिटी मूवमेंट’का नाम दिया गया. भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर, 2014 के रोज ‘स्वच्छ भारत’की बुनियाद रखी थी और एक स्वच्छ भारत का संदेश दिया था. अगले ही वर्ष अदार पूनावाला एपीसीसीएम प्रोग्राम के साथ पुणे के लोगों के बीच मौजूद थे. अदार पूनावाला पीपीपी यानि पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत साइंटिफिक तरीकों से वेस्ट मैनेजमेंट के लिए तैयार थे.
पुणे महानगर पालिका के साथ मिलकर क्लीन सिटी मूवमेंट तेजी से काम कर रहा है. अदार पूनावाला ने सफाई के लिए नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है. सड़कों पर गंदगी साफ करने के लिए स्पेशल क्लीनिंग ट्रक लगाए गए हैं, सड़क के किनारे हजारों की संख्या में कूड़ेदान लगाए गए हैं, जिन्हें पाबंदी के साथ साफ करने का प्रबंध है.
प्रोजेक्ट शुरू करते समय अदार पूनावाला ने कहा था, “हम पुणे महानगर पालिका की सीमा में आने वाली 300 किलोमीटर की सड़कों को प्रतिदिन साफ करेंगे. हमारा उद्देश्य पुणे को देश का सबसे साफ शहर बनाने का है.”
यह काम लगातार जारी है और अब तकरीबन 600 किलोमीटर का एरिया अदार पूनावाला के क्लीन सिटी मूवमेंट के तहत साफ किया जा रहा है. बड़े, छोटे ट्रक और आधुनिक मशीनों द्वारा पुणे की सड़कें प्रति दिन साफ की जा रही है. ग्लूटन वैक्यूम लिटर पिकर, ट्राइलो वैक्यूम ट्रक और ट्रक माउंटेड रोड स्वीपर आदि जैसे आधुनिक उपकरणों से प्रदूषण फैलाए बिना काम किया जा रहा है.
इसके लिए अदार पूनावाला की पूरी एक अलग टीम है और यह काम प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है.
इस टीम में ट्रक और मशीनों की संख्या 200 है और लगभग 450 कर्मचारी 600 किमी के दायरे में काम करते हैं.
अपने प्रोजेक्ट में उन्होंने आम जनता का सहयोग भी प्राप्त किया. उन्होंने आम लोगों को सफाई के प्रति जागरूक करने के लिए अवेयरनेस प्रोग्राम चलाए और खास तौर पर नौजवानों तक अपना पैगाम पहुंचाने के लिए स्कूल और कॉलेजों में एपीसीसीएम की जानकारी पहुंचाई.
यही कारण था कि लोग उनके प्रोग्राम का हिस्सा बनने के लिए आगे आए. द बिशप्स स्कूल के कुछ बच्चों ने अदार पूनावाला की मुहिम से प्रभावित हो कर 5 जून, 2019 को पुणे में पहली ‘प्लोगाथोन’का सफल आयोजन किया.
‘प्लोगाथोन’एक स्वीडिश शब्द है. यह दो शब्दों चपबा और रवह से मिलकर बना है. प्लॉगिंग का अर्थ होता है, जॉगिंग करते हुए कूड़ा उठाना.
इस प्लोगाथोन के आयोजन में अदार पूनावाला के क्लीन सिटी मूवमेंट और पुणे महानगर पालिका ने पूर्ण सहयोग किया था. इस मैराथन में भाग लेने बड़ी संख्या में लोग कल्याणी नगर पहुंचे थे और बच्चों का हौसला बढ़ाया था.
इस प्लोगाथन की तयारी लबिका खान, ध्वनि श्रीयत्रे और उनके कुछ साथियों ने मिलकर की थी. प्लोगाथोन में भाग लेने वालों को जॉगिंग के साथ अपने रास्ते में आने वाले कचरे को साफ करने का आइडिया बहुत पसंद आया था.
इस आयोजन में अदार पूनावाला की गाड़ियां और प्रशिक्षित कर्मचारियों की पूरी टीम मौजूद थी, जिसने लोगों को अपने शहर को साफ और सुंदर बनाने के बारे में लोगों को विभिन्न जानकारियां दी थीं.
2019 में पुणे शहर देश में स्वच्छ शहर की सूची में 37वें स्थान पर था और 2020 में 15वें स्थान पर जगह बनाने में सफल रहा है.
लबीका खान का कहना है कि हम ऐसी ही और प्लोगाथोन की तयारी कर रहे थे कि कोरोना महामारी के कारण हम अपनी योजना पर अमल नहीं कर पाए. ध्वनि का कहना है कि जैसे ही हम सब कोरोना से बाहर आएंगे, तो हमारी पूरी टीम फिर अपने शहर पुणे को साफ और सुंदर बनाने के काम में जुट जाएगी.
लबिका खान बताती हैं कि तब तो हम स्कूल में पढ़ रहे थे और हमारे पहले ही आयोजन की सफलता से हम सब बहुत खुश थे और दूसरी प्लोगाथोन की तैयारी में लग गए थे. लेकिन हालात और लॉकडॉउन ने हमें सड़कों पर आने की इजाजत नहीं दी. फिर भी हम मायूस नहीं है, केवल हालात के बेहतर होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. हम फिर सड़कों पर आएंगे और लोगों को स्वयं अपना शहर साफ रखने के लिए तयार करेंगे.