देहरादून में भारी बारिश से जलभराव, देवभूमि इंस्टीट्यूट से 200 छात्रों को SDRF ने सुरक्षित निकाला

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 16-09-2025
Waterlogging due to heavy rain in Dehradun, SDRF rescued 200 students from Devbhoomi Institute
Waterlogging due to heavy rain in Dehradun, SDRF rescued 200 students from Devbhoomi Institute

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सोमवार रात से हो रही तेज बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं. पौंड़ा इलाके में स्थित देवभूमि इंस्टीट्यूट परिसर में पानी भर जाने के बाद मंगलवार को राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीम ने फंसे हुए 200 छात्रों को सुरक्षित निकाल लिया.
 
बारिश के कारण राज्य के कई हिस्सों में सड़कें, घर और अन्य ढांचे क्षतिग्रस्त हो गए हैं. सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं और त्वरित बचाव अभियान चलाकर सभी छात्रों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. एसडीआरएफ ने बताया, “टीम ने मौके पर पहुंचकर पानी भरे परिसर से छात्रों को सतर्कता और तत्परता से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.
 
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को देहरादून के सहस्त्रधारा, रायपुर सहित प्रभावित इलाकों का दौरा किया. उन्होंने केसरवाला और मालदेवता क्षेत्र का भी निरीक्षण किया, जहां भारी जल प्रवाह के कारण 100 मीटर लंबी सड़क बह गई.
 
पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “घरों और सरकारी संपत्तियों को काफी नुकसान हुआ है. लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है. हम स्थिति को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। कई जगहों पर संपर्क मार्ग टूट गया है। नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. हमारे सभी विभाग युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुबह मुझसे बात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.
 
मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर बताया कि वे लगातार स्थानीय प्रशासन से संपर्क में हैं और स्थिति की व्यक्तिगत मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
 
तेज बारिश से सहस्त्रधारा नदी उफान पर आ गई और बहते पानी के साथ मलबा मुख्य बाज़ार में घुस आया। इस वजह से कई व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को भारी नुकसान हुआ। सहस्त्रधारा रोड पर स्थित दुकानों और होटलों को बाढ़ का सबसे ज़्यादा असर झेलना पड़ा, जहां मलबे के कारण व्यापक क्षति हुई.