बिहार में फिर से चलेगी उर्दू तहरीक,इमारत ए शरिया ने ’उर्दू कारवां’का किया गठन

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 14-02-2021
बिहार में फिर से चलेगी उर्दू तहरीक,इमारत ए शरिया ने ’उर्दू कारवां’का किया गठन
बिहार में फिर से चलेगी उर्दू तहरीक,इमारत ए शरिया ने ’उर्दू कारवां’का किया गठन

 

सेराज अनवर/पटना
बिहार में फिर से उर्दू की तहरीक चलेगी.यह बीड़ा बिहार-झारखंड-उड़ीसा के मुसलमानों की प्रतिनिधित्व संस्था फुलवारीशरीफ स्थित इमारत ए शरिया ने उठाया है.रविवार को इमारत के अलमहद कांफ्रेंस हॉल में उर्दू सप्ताह समापन समारोह का आयोजन किया गया.इस परामर्श सम्मेलन में उर्दू की नामवर शख़्सितों ने शिरकत की.
 
सत्तापक्ष और विपक्ष के मुस्लिम रहनुमा भी शामिल हुए.बिहार की द्वितीय राजभाषा उर्दू को उसका जायज़ हक़ दिलाने के लिए उर्दू कारवां के नाम से एक कमेटी का गठन किया गया है.कमेटी के अध्यक्ष मौलाना मज़हरूल अरबी-फ़ारसी यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो.एजाज़ अली अरशद को अध्यक्ष बनाया गया है, कॉलेज ऑफ कॉमर्स पटना के प्रो.सफ़दर इमाम क़ादरी कमेटी के उपाध्यक्ष मनोनित किये गये हैं.जबकि उर्दू के वरिष्ठ पत्रकार रेहान गनी को महासचिव और अनवारुल होदा को सचिव बनाया गया है.
 
मालूम हो कि इमारत ए शरिया ने 1से 7 फरवरी तक पूरे प्रदेश में ‘हफ्ता बराए तालीम व तहफ्फुज ए उर्दू’ के नाम से अभियान चलाया था.आज उक्त अभियान की समीक्षा के लिए समापन समारोह रखा गया.इस मौक़े पर अमीर ए शरीयत मौलाना मोहम्मद वली रहमानी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में उर्दू की समस्याओं और समाधान पर प्रकाश डाला और लोगों से इस पर मशविरा मांगा.
 
साढ़े तीन घंटे की गंभीर बहस के बाद उर्दू कारवां के साथ उर्दू दस्ता बनाने का अहम फैसला लिया गया.जो उर्दू की समस्याओं और समाधान के लिए काम करेगी.अमीर ए शरीयत ने अपने संबोधन में कहा कि उर्दू के कारवां को आगे बढ़ाना है.पूरी हिम्मत से आगे बढ़ाना है.उर्दू के सिलसिले में बड़ा सन्नाटा है,उसके लिए यह कमेटी बनी है.ख़ाका बनायें,कामों को आगे बढ़ायें.उन्होंने कहा कि हम उर्दू बोलेंगे,लिखेंगे,उर्दू को फैलाएगें तो उर्दू आगे बढ़ेगी,तरक़्क़ी करेगी.
 
आने वाली नस्ल को उर्दू पढ़ायेंगे ,उन्हें तहज़ीब से जोड़ेगें,तो समाज में सभ्यता और तमीज़ आयेगी.अमीर ए शरीयत ने प्रो.रघुपति सहाय फ़िराक़ गोरखपुरी का उल्लेख करते हुए बताया कि फ़िराक़ ने ग़ैरमुस्लिम उर्दू लेखकों की इजलास में स्मरणीय जुमला कहा था’हम चाहते हैं कि हमारी नस्ल उर्दू सीखे ताकि उन्हें डराईंगरूम में बैठने और बोलने का सलीक़ा आ जाये.’वली रहमानी ने कहा कि ज़बाने तो सब प्यारी हैं.उर्दू का कमाल यह है कि जहां से गुज़रती है.सलीक़ा छोड़ जाती है.
 
यह मुहब्बत की ज़बान है.इंक़लाब की ज़बान है.आज़ादी का हरबा है.उन्होंने कहा कि लेकिन अफसोस का पहलू यह है कि उर्दू के लिए काम करने वाली सरकारी या अर्द्ध सरकारी संस्था ज़िंदा हैं मगर किसी के चेयरमैन नहीं हैं,किसी के सेक्रेटरी की तैनाती नहीं हुई.अमीर ए शरीयत ने बिहार सरकार के उर्दू परामर्शदात्री समिति की प्रशंसा करते हुए कहा कि यही एक विभाग है जो ज़िंदगी का सबूत देता जा रहा है.
 
अमीर ए शरीयत ने कांफ्रेंस में मौजूद लोगों से आह्वान किया है कि उर्दू के विकास के लिए अब आप कमान सम्भालें.जो संगठन,अंज़ूमने,इदारे हैं वो नेकनीयती के साथ अपनी ज़िम्मेदारी निभायें.इमारत ए शरिया आपके साथ पीछे-पीछे चलेगी.कार्यक्रम का संचालन इमारत के कार्यकारी महासचिव(नाज़िम)मौलाना शिब्ली क़ासमी ने किया.
 
इस मौक़े पर एमएलसी सलमान रागिब,ख़ालिद अनवर,राज्यसभा सदस्य और कटिहार मेडिकल कॉलेज के निदेशक अशफाक़ करीम,पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीक़ी,पूर्व विधायक इज़हार अहमद,बिहार राज्य सुन्नी वक़्फ बोर्ड के चेयरमैन मोहम्मद इरशादुल्लाह,बीपीएससी के सदस्य इम्तेयाज करीमी,इमारत के उपसचिव मौलाना  सनाउल होदा क़ासमी,सुहैल अहमद नदवी,मेजर इक़बाल हैदर खान,अब्दुल बाक़ी,अनवारुल होदा,रियाज़ अज़ीमाबादी,रेहान गनी,मुश्ताक़ अहमद नूरी,आज़मी बारी,नजमुल हसन नज़्मी,शाह गद्दी मस्जिद के इमाम प्रो.शकील अहमद क़ासमी,प्रो.सफदर इमाम क़ादरी,प्रो.एजाज़ अली अरशद आदि ने भी उर्दू के विकास पर अपनी राय रखी