Trump hosted Central Asian leaders.
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक वाहनों और लड़ाकू विमानों सहित उच्च तकनीक वाले उपकरणों के लिए जरूरी दुर्लभ मृदा धातुओं की खोज में तेजी लाने की अपनी मुहिम के तहत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को ‘व्हाइट हाउस’ (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) में पांच मध्य एशियाई देशों के नेताओं की मेजबानी की।
ट्रंप और कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान एवं उज्बेकिस्तान के अधिकारियों ने रात्रिभोज से पहले ‘ओवल ऑफिस’ में द्विपक्षीय बैठकें कीं।
ट्रंप ने कहा, ‘‘ये देश कभी पूर्व और पश्चिम को जोड़ने वाले प्राचीन सिल्क रोड़ का केंद्र थे लेकिन दुर्भाग्य से पिछले अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने इस क्षेत्र की पूरी तरह से उपेक्षा की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस क्षेत्र के महत्व को समझता हूं लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते।’’
पांच देशों के नेताओं की यात्रा ऐसे वक्त हुई है जब ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ दुर्लभ मृदा तत्वों के निर्यात को लेकर अमेरिका और चीन के बीच मतभेदों को कम से कम अस्थायी रूप से कम करने में कामयाबी हासिल की। यह उनके व्यापार वार्ता में टकराव का एक प्रमुख मुद्दा था।
पिछले महीने की शुरुआत में चीन ने महत्वपूर्ण दुर्लभ मृदा तत्वों और चुम्बकों पर निर्यात प्रतिबंधों का विस्तार किया था। वहीं, पिछले हफ्ते दक्षिण कोरिया में ट्रंप-शी वार्ता के बाद चीन ने घोषणा की कि वह अपने नए प्रतिबंधों को एक साल के लिए स्थगित कर देगा।
वाशिंगटन अब महत्वपूर्ण खनिजों के मामले में चीन को मात देने के नए तरीके खोज रहा है। चीन दुनिया के लगभग 70 प्रतिशत दुर्लभ मृदा खनन में योगदान देता है और वैश्विक दुर्लभ मृदा प्रसंस्करण के लगभग 90 प्रतिशत पर उसका नियंत्रण है।
मध्य एशिया में दुर्लभ मृदा खनिजों का विशाल भंडार है और यह दुनिया के लगभग आधे यूरेनियम का उत्पादन करता है, जो परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है लेकिन इस क्षेत्र को संसाधनों के और विकास के लिए निवेश की सख्त जरूरत है।