आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को पुलिस के बारे में जनता की धारणा बदलने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।
यहां पुलिस महानिदेशकों/महानिरीक्षकों के 60वें अखिल भारतीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने प्रतिबंधित संगठनों की नियमित निगरानी के लिए तंत्र स्थापित करने, वामपंथी उग्रवाद से मुक्त क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित करने और तटीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अभिनव मॉडल अपनाने के महत्व पर भी जोर दिया।
मोदी ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बल से कहा कि वे सुनसान द्वीपों को जोड़ने के लिए नई रणनीति अपनाएं, नेटग्रिड के तहत जुड़े आंकड़ों का ज्यादा असरदार इस्तेमाल करें, और कार्रवाई लायक जानकारी जुटाने के लिए कृत्रिम मेधा का इस्तेमाल करें।
तीन दिवसीय सम्मेलन के समापन के अवसर पर जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि, “प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक धारणा, विशेषकर युवाओं में, पुलिस के प्रति नजरिये में बदलाव की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया, जिसके लिए पेशेवर दक्षता और संवेदनशीलता बढ़ाने तथा शहरी और पर्यटन पुलिसिंग को सशक्त करने की जरूरत है।”
“विकसित भारत: सुरक्षा आयाम” विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, गृह राज्य मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल तथा केंद्रीय गृह सचिव सहित अन्य लोग शामिल हुए।
मोदी ने शहरी पुलिसिंग को मजबूत करने, पर्यटक पुलिस इकाइयों को पुनर्जीवित करने और औपनिवेशिक युग के आपराधिक कानूनों की जगह लेने वाले नव-अधिनियमित भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने की जरूरत को रेखांकित किया।
उन्होंने विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों को पुलिस जांच में फॉरेंसिक के उपयोग पर 'केस स्टडी' करने के लिए प्रोत्साहित करने की बात भी कही। उनका कहना था कि फॉरेंसिक तकनीकों का व्यापक उपयोग आपराधिक न्याय प्रणाली को उल्लेखनीय रूप से मजबूत बना सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मादक पदार्थों के दुरुपयोग से निपटने के लिए एक समग्र सरकारी दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें प्रवर्तन, पुनर्वास और सामुदायिक स्तर पर हस्तक्षेप को एकीकृत किया जाए।
सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विभिन्न मामलों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
बयान में कहा गया कि विजन 2047 के लिए पुलिसिंग की दीर्घकालिक कार्ययोजना, आतंकवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ उभरते रुझान, महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने, विदेशों में स्थित भारतीय भगोड़ों को वापस लाने की रणनीति और प्रभावी जांच तथा अभियोजन सुनिश्चित करने के लिए फोरेंसिक क्षमताओं को मजबूत करने पर चर्चा हुई।
प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मजबूत तैयारी और समन्वय की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए मोदी ने पुलिस प्रमुखों से चक्रवात, बाढ़ और अन्य आपात स्थितियों, जिनमें चक्रवात 'दित्वा' का वर्तमान प्रभाव भी शामिल है, से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन तंत्र को सुदृढ़ करने को कहा।
उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं के दौरान जीवन की रक्षा और न्यूनतम व्यवधान सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय योजना, तत्क्षण समन्वय, त्वरित प्रतिक्रिया और समग्र सरकारी दृष्टिकोण आवश्यक हैं।