The Supreme Court ordered the AIFF to conduct the ISL.
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
उच्चतम न्यायालय द्वारा मंजूर किए अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के नए संविधान के अनुसार देश की शीर्ष स्तरीय फुटबॉल लीग का स्वामित्व या संचालन अब निजी संस्था के पास नहीं रहेगा और इसमें लीग का एकमात्र स्वामित्व खेल की संचालन संस्था को लेने का आदेश दिया गया है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी ‘फुटबॉल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड’ (एफएसडीएल) 2014 में शुरूआत के बाद से देश के शीर्ष स्तरीय घरेलू फुटबॉल लीग इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) का संचालन कर रही है.
हालांकि शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुमोदित एआईएफएफ के नए संविधान ने एआईएफएफ को शीर्ष डिवीजन लीग के स्वामित्व और संचालन के लिए जिम्मेदार एकमात्र संस्था के रूप में नामित किया.
साथ ही मंजूए किए गए संविधान के एक अनुच्छेद के अनुसार शीर्ष लीग अब एक ‘प्रोमोशन’ और ‘रेलीगेशन’ प्रणाली लागू करेगी जो वैश्विक फुटबॉल प्रशासन के अनुरूप होगी.
नए संविधान के अनुसार शीर्ष डिवीजन लीग का मतलब यह एआईएफएफ के स्वामित्व, संचालन और मान्यता प्राप्त होगी.
जहां तक प्रतिष्ठित खिलाड़ी की परिभाषा का सवाल है तो नए संविधान में इसे बदल दिया गया है. उच्चतम न्यायालय ने आदेश में कहा, ‘‘हमारा मानना है कि न्यायमूर्ति एल एन राव द्वारा सुझाए गए मानदंडों को पुरुषों के लिए पांच (अंतरराष्ट्रीय) मैचों और महिलाओं के लिए दो मैचों से कम करना उचित होगा.