The Supreme Court has stayed the proceedings in the High Court regarding the cancellation of OBC status of several castes.
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को निर्देश दिया कि पश्चिम बंगाल में कई जातियों का ओबीसी दर्जा रद्द करने से संबंधित मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय में आगे कोई कार्यवाही नहीं होगी।
शीर्ष अदालत पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर एक याचिका सहित 10 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इन याचिकाओं में कलकत्ता उच्च न्यायालय के 22 मई, 2024 के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिनमें 2010 से पश्चिम बंगाल में कई जातियों को दिए गए ओबीसी दर्जे को रद्द कर दिया गया था।
उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावा) (सेवाओं और पदों में रिक्तियों का आरक्षण) अधिनियम, 2012 के तहत ओबीसी के रूप में दिए गए 37 वर्गों के अलावा अप्रैल, 2010 और सितंबर, 2010 के बीच दिए गए 77 आरक्षण वर्गों को रद्द कर दिया था।
प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति विपुल एम पंचोली की पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलों पर गौर किया कि उच्च न्यायालय ने याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 18 नवंबर की तारीख तय की है।
न्यायमूर्ति गवई ने कहा, ‘‘जब मामला उच्चतम न्यायालय के संज्ञान में है तो उच्च न्यायालय इस मामले में कैसे आगे बढ़ सकता है।’’