नई दिल्ली
संसद परिसर में शुक्रवार को विपक्षी दलों के सांसदों ने विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) विधेयक के पारित होने के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
विरोध प्रदर्शन के दौरान विपक्षी सांसदों ने महात्मा गांधी की तस्वीरें हाथों में लेकर विधेयक से उनके नाम को हटाने के फैसले पर नाराज़गी जताई। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसदों ने भी विधेयक के विरोध में 12 घंटे का धरना शुरू किया, जो शुक्रवार रात 12 बजे से दोपहर 12 बजे तक चला। यह धरना संसद परिसर के संविधान सदन के बाहर आयोजित किया गया।
यह विधेयक 18 दिसंबर 2025 को लोकसभा में पारित हुआ था और कड़े विरोध के बीच 19 दिसंबर की तड़के राज्यसभा से भी मंजूरी मिल गई। राज्यसभा में मतदान से पहले विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट किया और मांग की कि विधेयक को सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए।
हालांकि, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह विधेयक गरीबों के कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कांग्रेस पर महात्मा गांधी के आदर्शों का अपमान करने का आरोप भी लगाया।
इस विधेयक के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक परिवार को 125 दिनों के मजदूरी आधारित रोजगार की गारंटी दी गई है, जो पहले 100 दिनों की तुलना में अधिक है। यह रोजगार उन वयस्क सदस्यों को मिलेगा जो अकुशल शारीरिक श्रम करने के इच्छुक हैं।
विधेयक की धारा 22 के अनुसार, केंद्र और राज्यों के बीच फंड साझा करने का अनुपात 60:40 होगा। वहीं, पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों—जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर—के लिए यह अनुपात 90:10 रहेगा।
इसके अलावा, धारा 6 के तहत राज्य सरकारों को एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 60 दिनों की अवधि पहले से अधिसूचित करने की अनुमति होगी, जिसमें बुवाई और कटाई जैसे कृषि के व्यस्त मौसम शामिल होंगे।






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